रायपुर : रायपुर मुस्लिम समाज ने निकाह और किसी भी कार्यक्रम में डीजे और पटाखे नहीं फोड़ने का फैसला किया है. इसे अभी रायपुर शहर के मुस्लिम समाज को ही मानने के लिए कहा गया है. रायपुर के बाद दूसरे जिलों में भी मुस्लिम समाज के लोगों के लिए यह नियम लागू होगा. इस तरह के फरमान के बाद भी अगर निकाह और दूसरे कार्यक्रमों में मुस्लिम समाज के लोग डीजे बजाने के साथ ही पटाखा फोड़ते हैं तो निकाह के कार्यक्रम में इमाम निकाह कराने नहीं जाएंगे. संबंधित घर में दावत का भी बहिष्कार किया जाएगा.
रायपुर में मुस्लिम समाज की DJ और पटाखे को ना
रायपुर में सभी मस्जिदों के मौलानाओं इमामों ने निर्णय लिया है कि अब बैंड बाजा और आतिशबाजी पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध रहेगा. हर किसी को प्रतिबंध का पालन करना पड़ेगा. जिस परिवार में बैंड बाजा बजेगा, वहां इमाम निकाह नहीं पढ़ाएंगे.
क्यों लिया गया है निर्णय :राजधानी में गुरुवार को मुस्लिम समाज ने बताया कि 17 जनवरी को एक बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें इस तरह का निर्णय लिया गया. इसे अमल में लाने के लिए सभी मुस्लिम भाई बंधुओं को इसकी जानकारी दे दी गई है. बावजूद इसके अगर कोई किसी कार्यक्रम में पटाखा फोड़ते हैं, और डीजे बजाते हैं, तो उन पर जुर्माना नहीं होगा. बल्कि उनके घर में होने वाले निकाह पढ़ने इमाम नहीं जाएंगे. उनके घर में होने वाली दावत पार्टी का भी मुस्लिम समाज बहिष्कार करेगा. आतिशबाजी और डीजे की वजह से वायु प्रदूषण के साथ ध्वनि प्रदूषण भी होता है. शहर की यातायात व्यवस्था भी प्रभावित होती है. इन सभी पहलुओं को देखते हुए इस तरह का निर्णय मुस्लिम समाज ने लिया है.
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रायपुर जिले में लागू किया गया नियम :मुस्लिम समाज की मानें तो निकाह संदल चादर में बैंड बाजा डीजे आतिशबाजी का बहिष्कार किया गया है. इस पर कड़ाई से प्रतिबंध लगाने के लिए मुस्लिम कमेटी हर संभव प्रयास करेगी. यह निर्णय पूरे रायपुर जिले के लिए लागू किया गया है. इसके बाद धीरे धीरे इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा. इसका प्रचार प्रसार करने के लिए मोहल्ला और शहर स्तर पर मुस्लिम सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं का सहयोग लेकर एक कमेटी बनाई जाएगी. यह कमेटी न सिर्फ बाजा, आतिशबाजी बल्कि दूसरी बुरी आदत जैसे नशा से बचने के लिए भी लोगों को जागरूक करेगी.