रायपुर:राजधानी रायपुर अब धीरे-धीरे महानगर का रूप लेता जा रहा है यहां पर कई नई कॉलोनी और बस्ती विकसित हो रही है. लेकिन जिस तरह की सुविधाएं यहां होनी चाहिए, वैसी सुविधाओं से वार्डवासी वंचित है. नगर निगम रायपुर में 70 वार्ड हैं और इन 70 वार्डो के 10 प्रतिशत इलाके में स्ट्रीट लाइट नहीं लगी है. आज भी राजधानी के लोगों को अंधेरे का सामना करना पड़ रहा है. नगर निगम रायपुर में 54 हजार 298 खंभे है. जिसमें 10 प्रतिशत जगह पर स्ट्रीट लाइट नहीं लगी हुई है. कुछ वार्डो का जायजा ETV भारत की टीम ने लिया. स्ट्रीट लाइट को लेकर वार्ड वासियों में आक्रोश देखने को मिला.
अंधेरे में आवागमन करने को मजबूर हैं वार्ड वासी
राजधानी के कई ऐसे वार्ड है जहां स्ट्रीट लाइट नहीं होने के कारण लोगों को शाम होने के बाद अंधेरे में ही आना-जाना पड़ता है. वार्डवासियों ने बताया कि इसकी शिकायत कई बार नगर निगम और वार्ड पार्षद से की गई. लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है. स्ट्रीट लाइट नहीं होने के कारण लोग शाम 6 बजे के बाद घर से बाहर घूमने फिरने भी नहीं निकल पाते. खासकर बारिश के दिनों में कई तरह की दिक्कतों का सामना वार्डवासियों को करना पड़ता है.
वार्ड पार्षदों के अपने दावे और तर्क
रायपुर नगर निगम के भक्त माता कर्मा वार्ड क्रमांक 67 के पार्षद उत्तम साहू ने बताया कि वार्ड क्रमांक 67 में 1 हजार 145 बिजली पोल है. जिसमें से 825 पोल में स्ट्रीट लाइट लगी हुई है. वार्ड के 320 बिजली पोल पर स्ट्रीट लाइट का प्रस्ताव बनाकर नगर निगम को भेजा गया. जिसमें से 92 पोल पर स्ट्रीट लाइट लगाने की अनुमति मिल चुकी है. माधव राव सप्रे वार्ड क्रमांक 69 के पार्षद वीरेंद्र देवांगन का कहना है कि इस वार्ड में लगभग 2 हजार पोल है. जिसमें से 300 पोल में स्ट्रीट लाइट नहीं लग पाई है. इसके लिए नगर निगम को प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है. दोनों ही पार्षदों ने माना कि स्ट्रीट लाइट नहीं होने से वार्डवासियों को अंधेरे का सामना करना पड़ता है. वार्डवासियों की बातें भी सुननी पड़ती है. लोगों के जन आक्रोश का भी सामना उन्हें करना पड़ता है.