रायपुर:कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए 23 मार्च से ढाई महीने का लॉकडाउन किया गया था. जिसके बाद जून महीने से अनलॉक की शुरुआत हुई, लेकिन तबतक कोरोना वायरस का संक्रमण अपनी चरमसीमा तक पहुंचा चुका था. कोरोना वायरस से लगे लॉकडाउन से कई उद्योग बंद हो गए, जिससे कई लोग बेरोजगार भी हो गए. कोरोना और लॉकडाउन का असर मंदिर परिसर में बने किराए के भवन पर भी अच्छा खासा पड़ा है. पिछले 6 महीने से किराये का भवन खाली पड़े हैं, जहां कोई नहीं जा रहा है.
शहर के कई मंदिरों में सामाजिक कार्यक्रम जैसे शादी, बर्थ-डे, तेरहवीं जैसे कार्यक्रमों के लिए भवनों को किराये पर लिया करते थे, लेकिन कोरोना का असर आज भी इन भवनों पर देखने को मिल रहा है. मंदिर परिसर में बने भवन जो किराये में दिया जाता था, उसपर आज भी प्रतिबंध लगा हुआ है, जिससे मंदिर परिसर का रखरखाव और मेंटेनेंस नहीं हो पा रहा है.
मंदिर परिसर में नहीं हो रहा रखराव
रायपुर की बात की जाए तो राजधानी में छोटे-बड़े मिलाकर मंदिर परिसर में लगभग 25 से 30 किराये के भवन उपलब्ध हैं, लेकिन कोरोना के गाइडलाइन के तहत इन भवनों को किराये में नहीं दिया जा रहा है. आज भी किराये के भवन में आयोजनों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा हुआ है. राजधानी सहित तमाम जगहों पर मंदिर परिसर में समितियों के जरिए से संचालित किए जाने वाले भवन आम लोगों को सामाजिक कार्यक्रमों के लिए उपलब्ध नहीं हो रहा है.