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NIT रायपुर के छात्रों का अविष्कार, मक्के के आटे से बनाया प्लास्टिक - raipur updated news

राजधानी के तीन छात्रों ने कॉर्न स्टार्च का उपयोग करके बायोडिग्रेडेबेल प्लास्टिक का अविष्कार किया है. यह प्लास्टिक नॉमर्ल प्लास्टिक से बिल्कुल अलग है.

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मक्के के आटे से बनाया प्लास्टिक

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Published : Feb 3, 2020, 8:08 PM IST

Updated : Feb 3, 2020, 9:59 PM IST

रायपुर: आज का युग विज्ञान का युग है, विज्ञान और तकनीकी ने बहुत सारे आविष्कार किये है. जिसकी वजह से हमारा जीवन बहुत आसान बन गया है. इस सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए एनआईटी के तीन छात्रों ने कॉर्न स्टार्च यानि मक्के के आटे का उपयोग कर नए तरह के प्लास्टिक का अविष्कार किया है. दावा किया जा रहा है कि यह प्लास्टिक 100 फीसदी नष्ट होने वाली प्लास्टिक है.

मक्के के आटे से बनाया प्लास्टिक

आमतौर पर सिंगल यूज प्लास्टिक को नष्ट होने में 100 साल लगते हैं। वहीं, यह महज एक साल में नष्ट हो जाएगा। इसे रिसाइकिल कर प्रयोग में भी लाया जा सकता है। ऐसे में यह सिंगल यूज प्लास्टिक का भी बेहतर विकल्प साबित हो सकती है. रायपुर एनआईटी के निखिल वर्मा, कृष्णेंदु और निहाल पांडे ने इस प्लास्टिक का अविष्कार किया है.

NIT के छात्रों ने मक्के के आटे से बनाया प्लास्टिक


क्या है बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक की विशेषता

  • यह नॉर्मल प्लास्टिक से बिल्कुल अलग है.
  • यह प्लास्टिक पॉल्यूशन फ्री है.
  • साथ ही इसकी लागत भी नॉर्मल प्लास्टिक से बहुत कम है
  • यह जल्द ही डिकंपोज हो जाता है

इसकी विशेषता यह भी है कि नॉर्मल प्लास्टिक को डिकंपोज होने में लगभग 100 साल का समय लग जाता है लेकिन 100% बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक साल भर के भीतर डिकंपोज हो जाता है. 100% बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक को हम दोबारा यूज नहीं कर सकते लेकिन इस प्लास्टिक को दोबारा उपयगो मं लाया जा सकता है. सिंगल यूज़ प्लास्टिक बैन के मद्देनजर भी यह प्लास्टिक कारगर साबित होगा.

Last Updated : Feb 3, 2020, 9:59 PM IST

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