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Nirjala Ekadashi 2023: निर्जला एकादशी व्रत के दौरान इन चीजों का रखें खास ख्याल

निर्जला एकादशी व्रत को बेहद ही शुभ माना जाता है. 31 मई को ये व्रत रखा जाएगा. इस व्रत के कई नियम हैं, जिनका पालन करके आप व्रत के फल का पूरा लाभ ले सकते हैं. जानिए पंडित क्या कहते हैं निर्जला एकादशी व्रत को लेकर.

Nirjala Ekadashi 2023
निर्जला एकादशी व्रत

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Published : May 27, 2023, 11:13 PM IST

Updated : May 28, 2023, 7:38 AM IST

निर्जला एकादशी व्रत

रायपुर:31 मई 2023 को निर्जला एकादशी का शुभ व्रत मनाया जाएगा. यह व्रत हस्त नक्षत्र व्यतिपात योग आनंद योग और कर्क के बाद तुला राशि के चंद्रमा में मनाया जाएगा. इसे भीमसेनी एकादशी पांडव एकादशी या गायत्री जयंती के रूप में भी जाना जाता है. इस दिन के शुभ दिन रवि योग और सर्वार्थसिद्धि योग का सुंदर योग बन रहा है. दोपहर 1:46 से भद्रा निवृत हो जाएगी. यह एकादशी तिथि 30 मई 2023 मंगलवार से प्रारंभ हो जाएगी मंगलवार दोपहर 1:08 से लेकर 31 मई दोपहर 1:40 तक एकादशी तिथि रहेगी. उदयकाल के मुताबिक संपूर्ण 31 मई एकादशी के रूप में मनाई जाएगी.

"एकादशी व्रत के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान ध्यान और योग से निवृत्त होकर श्री हरि विष्णु का ध्यान करना चाहिए. श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी कि आज के दिन पूजा अर्चना पाठ जाप और ध्यान किया जाता है. ध्यान करने में श्री विष्णु की सिद्धि प्राप्त होती है. मनोवांछित कामनाएं पूर्ण होती है. इस ज्ञान को पूरे मनसे और निश्चलता के साथ करना चाहिए. यह ध्यान व्यक्ति को बहुमुखी प्रतिभा का धनी बनाता है. इसी तरह आज के संपूर्ण दिवस ओम नमो भगवते वासुदेवाय इस महामंत्र का जाप पाठ करना चाहिए."-पंडित विनीत शर्मा

"आज के शुभ दिन विष्णु सहस्त्रनाम विष्णु चालीसा राम रक्षा स्त्रोत विष्णु जी की आरती माता लक्ष्मी की आरती और आदित्य हृदय स्त्रोत का श्रद्धा के साथ जाप और पाठ करना चाहिए. निर्जला एकादशी पूरी तरह से निर्जला होकर की जाती है. निर्जला एकादशी का सभी एकादशीयो में विशेष महत्व है. इस एकादशी को व्रत उपवास दान पुण्य करने पर समस्त मनोरथ पूर्ण होते हैं."-पंडित विनीत शर्मा

"श्री हरि विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है. बुधवार का शुभ दिन है. अतः आज के शुभ दिन अथर्व शीर्ष का भी जाप करना श्रेष्ठ होता है. इस शुभ दिन पीले सफेद आदि वस्त्र पहनकर इस व्रत को करना चाहिए. पूरे दिवस निंदा चुगली आदि से बचना चाहिए. संपूर्ण दिवस सात्विकता के साथ व्यतीत करना चाहिए. इस शुभ दिन अपने हाथों से वृक्ष से पत्ते आदि नहीं तोड़ने चाहिए. इसके साथ ही एकादशी व्रत का पालन करने के लिए दसमी तिथि की रात्रि से ही मन को तैयार करना चाहिए."-पंडित विनीत शर्मा

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ऐसे रखें उपवास:इस उपवास में सात्विकता श्रद्धा और आस्था का विशेष महत्व है. संभव हो सके दशमी की तिथि से ही ब्रम्हचर्य के व्रत का पालन करना चाहिए. 1 जून 2023 को विधिवत एकादशी व्रत का पारण करना चाहिए. सुबह सूर्योदय के समय इसका पारण करना श्रेष्ठ रहेगा.

Last Updated : May 28, 2023, 7:38 AM IST

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