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तो क्या मोहन मरकाम के बदले कोई और बनेगा छत्तीसगढ़ कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष! - छत्तीसगढ़ कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष

छत्तीसगढ़ कांग्रेस चुनावी रणनीति बनाने में जुटी चुकी है. इस बीच प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम की जगह किसी और की नियुक्ति की चर्चा जोरों पर है.

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छत्तीसगढ़ कांग्रेस की चुनावी रणनीति

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Published : Apr 14, 2022, 11:20 PM IST

रायपुर: क्या आगामी दिनों में होने वाले कांग्रेस संगठन चुनाव के बाद प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम बदल जाएंगे या फिर यथावत वे अपनी कुर्सी पर बने रहेंगे? यह सवाल सभी के जेहन में घूम रहा है कि आखिर क्या है कांग्रेस संगठन चुनाव की प्रक्रिया, किस तरह से होते हैं कांग्रेस संगठन चुनाव? दरअसल, कांग्रेस संगठन चुनाव की तैयारी में जुट गया है. यह चुनाव की प्रक्रिया 1 मई से शुरू हो जाएगी. इन तैयारियों का जायजा लेने कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं प्रदेश प्रभारी सचिव, सप्तगिरी शंकर उल्का रायपुर पहुंचे हुए हैं. जहां वे 2 दिनों तक लगातार कांग्रेस के सभी मोर्चा संगठन विभागों की बैठक ले रहे हैं. इस दौरान वे संगठन चुनाव की तैयारियों का जायजा ले रहे हैं. साथ ही मिशन 2023 को लेकर भी रणनीति तैयार कर रहे है.

छत्तीसगढ़ कांग्रेस की चुनावी रणनीति

कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं प्रदेश प्रभारी सचिव, सप्तगिरी शंकर उल्का ने ईटीवी भारत के साथ बातचीत के दौरान बताया कि, कांग्रेस के द्वारा सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है, जिसकी 15 अप्रैल अंतिम तिथि है. कांग्रेस का छत्तीसगढ़ में लगभग 10 लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य था. जिसे पूरा करते हुए कांग्रेस ने लगभग साढ़े 19 लाख सदस्य बनाए हैं. इससे कांग्रेस में काफी उत्साह का माहौल है. आज लोग कांग्रेस से जुड़ना चाहते हैं. इसकी मुख्य वजह है कि राज्य सरकार के द्वारा किए गए काम से यह लोग काफी प्रभावित हुए हैं. 15 अप्रैल के बाद संगठन चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. इस चुनाव की तैयारी में हम जुट गए हैं.

कांग्रेस संविधान के मुताबिक, चुनाव के लिए सबसे पहले पार्टी केंद्रीय चुनाव संघ (सेंट्रल इलेक्शन अथॉरिटी) का गठन होता है. अथॉरिटी चुनाव का कार्यक्रम तैयार करती है. अथॉरिटी पूरे देश में चुनाव कराने के लिए हर राज्य में एक पीआरओ (प्रदेश रिटर्निंग अफसर) और एक से दो एपीआरओ (राज्यों के आकार के मुताबिक असिसटेंट प्रदेश रिटर्निंग अफसर) बनाती है. कांग्रेस में हर पांच साल में चुनाव होता है, इससे पहले हर तीन साल में संगठन के चुनाव होते थे. अब अध्यक्ष का कार्यकाल भी तीन से बढ़ाकर पांच साल कर दिया गया है. 2017 में राहुल गांधी संगठन चुनाव के बाद निर्विरोध चुन कर आए थे, जिन्होंने 2019 के आम चुनावों में पार्टी की हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद सोनिया गांधी को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया.

फिलहाल पार्टी में सदस्यता अभियान चल रहा है, जो 15 अप्रैल तक चलेगा. इसके पूरा होने बाद बूथ कमिटी और ब्लॉक कमिटी बनती है. फिर जिला कमेटी बनती है. ब्लॉक कमिटी-बूथ कमिटी मिलकर प्रदेश कांग्रेस कमिटी (पीसीसी) के प्रतिनिधि चुनती है. हर ब्लॉक से एक प्रतिनिधि चुना जाता है. हर आठ पीसीसी पर एक केंद्रीय कांग्रेस कमिटी प्रतिनिधि या एआईसीसी डेलिगेट चुना जाता है. एआईसीसी और पीसीसी का अनुपात एक-आठ का होता है. पीसीसी डेलिगेट्स के वोटों से ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष और राष्ट्रीय पार्टी अध्यक्ष चुना जाता है. जबकि एआईसीसी के प्रतिनिधियों की वोटिंग से कांग्रेस वर्किंग कमिटी चुनी जाती है. 2017 में हुए संगठन चुनावों के दौरान जहां पीसीसी की तादाद 9,000 थी. तो वहीं एआईसीसी डेलिगेट्स की संख्या 1500 थी.

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कांग्रेस संगठन चुनाव की प्रक्रिया 1 मई से शुरू हो जाएगी. यह प्रक्रिया पहले 16 अप्रैल से शुरू होनी थी, लेकिन कांग्रेस सदस्यता अभियान की तारीख 15 दिन बढ़ाए जाने के कारण संगठन चुनाव की प्रक्रिया भी 15 दिन आगे बढ़ गई है. 15 अप्रैल को सदस्यता अभियान समाप्त हो जाएगा. इसके बाद 25 अप्रैल के बीच सदस्यों की सूची प्रकाशित की जाएगी. इसके बाद ब्लॉक अध्यक्षों के चुनाव शुरु होंगे. 1जून से 20 जुलाई तक डीसीसी उसके बाद 10 जुलाई से 20 अगस्त तक पीसीसी की सामान्य सभा चुनी जाएगी. 21 अगस्त से 20 सितंबर के बीच प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव हो जाएगा.इसके बाद ही तय हो सकेगा की कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम रहेंगे या फिर उनकी जगह कोई और चुनाव जीतकर प्रदेश अध्यक्ष बनेगा.

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