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बिलासपुर में स्पोर्ट्स का नया एडवेंचर, पार्किंग में प्रैक्टिस करके स्केटिंग खिलाड़ी जीत रहे मेडल

बिलासपुर में स्केटिंग खिलाड़ियों की नई पौध तैयार हो रही है. 5 से लेकर 20 साल तक के खिलाड़ी बिना स्केटिंग ट्रैक के प्रैक्टिस कर गोल्ड और सिल्वर मैडल ला रहे हैं. राज्य स्तरीय स्पर्धाओं से खिलाड़ी जीतकर लगभग 35 गोल्ड, और सिल्वर मैडल ला चुके हैं. बिना स्केटिंग ट्रैक ये खिलाड़ी साइंस कॉलेज मैदान की पार्किंग में प्रैक्टिस कर मैडल लाए हैं. यदि खिलाड़ियों को बेहतर सुविधा मिले तो राज्य के साथ नेशनल स्पर्धाओं में ये सभी कमाल कर सकते है.

पार्किंग में प्रैक्टिस करके स्केटिंग खिलाड़ी जीत रहे मेडल
पार्किंग में प्रैक्टिस करके स्केटिंग खिलाड़ी जीत रहे मेडल

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Published : Nov 14, 2022, 6:16 PM IST

Updated : Nov 15, 2022, 12:57 AM IST

बिलासपुर : शहर में स्केटिंग ट्रैक नहीं होने के बावजूद शहर के बच्चे और युवा राज्य स्तरीय स्पर्धाओं में बेहतर प्रदर्शन कर गोल्ड मेडल हासिल कर रहे हैं. बिलासपुर के साइंस कॉलेज मैदान में बनी वॉकिंग ट्रैक और हेलीपैड के लिए बनाए गए जगह के साथ ही पार्किंग स्थल पर बच्चे स्केटिंग करके प्रैक्टिस करते हैं.बच्चों को शहर के युवा खिलाड़ी नि: शुल्क प्रशिक्षण देकर उन्हें आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं. टीम के एक दर्जन से भी ज्यादा बच्चे नेशनल के लिए चयनित हुए हैं. जिला प्रशासन और खेल विभाग यदि बच्चों को स्केटिंग का ट्रैक तैयार करके दे तो शहर के स्केटिंग खिलाड़ियों के साथ नए खिलाड़ी भी उसमें प्रैक्टिस करके अपना भविष्य बना सकते हैं.

पार्किंग में प्रैक्टिस करके स्केटिंग खिलाड़ी जीत रहे मेडल


जगह नहीं मिलने से प्रैक्टिस पर असर :छोटे-छोटे बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा देने वाले कोच फ्रैंकलिन का कहना है कि आए दिन यहां पर मेले लगते हैं. मेले की वजह से उन्हें अपनी प्रैक्टिस बंद करनी पड़ती है. साइंस कॉलेज मैदान में लाइट की व्यवस्था तो है, लेकिन यह लाइट केवल मेले के दौरान ही चालू की जाती है. बाकी समय वे अंधेरे में अपनी प्रैक्टिस करते हैं. कई बार तो ऐसा होता है कि मेले की वजह से उन्हें प्रैक्टिस बंद करना पड़ता है और जिससे खिलाड़ियों को काफी नुकसान होता है.



रफ सरफेस में प्रैक्टिस करने की है मजबूरी :स्केटिंग प्रैक्टिस करने वाले खिलाड़ियों के पालकों का कहना है कि सबसे बड़ी समस्या स्केटिंग ट्रैक की है. यहां स्केटिंग ट्रैक है ही नही. दूसरी समस्या जिस पार्किंग लॉट पर बच्चे प्रैक्टिस करते हैं. उसका सर्फेस काफी रफ है. इस वजह से रफ सर्फेस में बच्चों के गिरने पर उन्हें काफी चोट लगती है. जिससे कई दिन तक वह प्रैक्टिस करने नहीं आ पाते . इसके अलावा लाइट की भी बड़ी समस्या है. यदि राज्य सरकार इस स्केटिंग ट्रेक का निर्माण कराएं और बेहतर सुविधा दे तो उनके बच्चे नेशनल और इंटरनेशनल कंपटीशन में अपना बेहतर प्रदर्शन दिखा सकते हैं. साथ ही जब उन्हें स्केटिंग ट्रैक पर प्रैक्टिस का मौका मिलेगा तो वह कंपटीशन में परंपरागत स्केटिंग ट्रैक पर किस तरह से उन्हें दौड़ना है इसका ज्ञान होगा और इससे उन्हें काफी सहायता मिलेगी. वह अपना बेहतर प्रदर्शन के साथ ही मेडल लाने में भी सफल हो जाएंगे.


खेल विभाग के पास कोई बजट नही :बिलासपुर में स्केटिंग को लेकर अब तक ना तो खेल विभाग ने ध्यान दिया है, और ना ही खेल संघ. स्केटिंग ट्रेक नहीं होने के बावजूद भी शहर के स्केटिंग खिलाड़ी गोल्ड और सिल्वर मेडल लेकर आ रहे हैं. शहर के साइंस कॉलेज मैदान में स्केटिंग की प्रैक्टिस कर खिलाड़ी जिले का नाम रोशन कर रहे हैं. स्केटिंग ट्रैक के नाम पर इन्हें साइंस कॉलेज मैदान के पार्किंग लॉट पर ही प्रैक्टिस करना पड़ रहा है, ना तो इस ओर प्रशासन का ध्यान है और ना ही कोई खेल संघ इनकी मदद कर रहा है.



नन्हे खिलाड़ी मुख्यमंत्री से ट्रैक की कर रहे मांग :साइंस कॉलेज मैदान के पार्किंग लॉट पर लगभग 50 से भी ज्यादा बच्चे प्रैक्टिस करते हैं. इनमें 3 साल की उम्र से लेकर 18 साल की उम्र तक के बच्चे प्रैक्टिस करते हैं. इन बच्चों को प्रैक्टिस करता देख मन प्रफुल्लित हो जाता है, लेकिन इन बच्चों की सबसे बड़ी समस्या यह है कि यहा पार्किंग लॉट पर रफ सर्फेस पर प्रैक्टिस करते हैं, जिससे गिरने पर इन्हें काफी चोट लगती है. इनमें से कई ऐसे बच्चे हैं जो सिल्वर और गोल्ड मेडल दोनों लेकर आए हैं. यह बच्चे प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से अपने लिए स्केटिंग ट्रैक की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि यदि उन्हें अच्छा स्केटिंग ट्रैक मिल जाए तो वह नेशनल और इंटरनेशनल कंपटीशन तक पहुंचकर देश और प्रदेश का नाम रोशन कर सकते हैं. जरूरत है तो सिर्फ व्यवस्थाओं की.


स्केटिंग ट्रैक के निर्माण में लगते है लिए भारी भरकम बजट :साइंस कॉलेज मैदान के पार्किंग पर प्रैक्टिस करने वाले खिलाड़ियों ने बताया कि '' शहर के कुछ जनप्रतिनिधि और राज्य पर्यटन मंडल बोर्ड के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव के सहयोग से उन्हें साइंस कॉलेज मैदान में प्रैक्टिस करने की अनुमति मिली है.क्योंकि साइंस कॉलेज मैदान नगर निगम के अंडर में आता है. निगम से परमिशन उन्हें नहीं मिल रही थी, तब महिला कांग्रेस की शहर अध्यक्ष सीमा पांडेय ने उन्हें यह प्रैक्टिस करने के लिए अनुमति प्रदान करवाया है. उन्होंने अपने नाम से अनुमति ली है, ताकि बच्चों को यहा प्रैक्टिस करने के दौरान किसी प्रकार का दिक्कत ना हो. लेकिन स्केटिंग ट्रेक के लिए बिना राज्य शासन की मदद से इसे तैयार नहीं किया जा सकता. इसे तैयार करने में भारी भरकम बजट खर्च करना होगा. अब तक राज्य सरकार ने इस खेल की ओर कभी ध्यान ही नहीं दिया है.

हैदराबाद में है सुव्यवस्थित स्केटिंग ट्रैक : साइंस कॉलेज मैदान में प्रैक्टिस करने वाले खिलाड़ियों ने बताया कि ''हैदराबाद में व्यवस्थित स्केटिंग ट्रैक और ग्राउंड है. जहां बच्चे बेहतर ढंग से स्केटिंग की प्रैक्टिस करते हैं. आखिरी बार उनके बीच के खिलाड़ी हैदराबाद एक स्केटिंग कंपटीशन में गए थे.. तब वे स्केटिंग ट्रैक देखकर अचंभित हो गए थे. उन्होंने अपना एक्सपीरियंस शेयर करते हुए वहां के कुछ वीडियो भी हमें प्रोवाइड किया. जिससे वहां के स्केटिंग ट्रैक और बिलासपुर के साइंस कॉलेज में प्रैक्टिस कर रहे ट्रैक को देखकर जमीन आसमान का फर्क नजर आने लगा. खिलाड़ियों कहना है कि यदि ऐसा स्केटिंग ट्रैक बिलासपुर या छत्तीसगढ़ में तैयार कराया जाए तो आने वाले समय में छत्तीसगढ़ से नेशनल और इंटरनेशनल खिलाड़ी निकल सकते हैं.''

Last Updated : Nov 15, 2022, 12:57 AM IST

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