रायपुर:छत्तीसगढ़ में कोरोना के बेलगाम संक्रमण से लोग दहशत में हैं. लगातार मरीजों की संख्या बढ़ रही है और धीरे-धीरे स्वास्थ्य विभाग के इंतजामों की पोल खुल रही है. राजधानी रायपुर में बड़ी लापरवाही देखने को मिली है. यहां कोरोना मरीज के परिजन अस्पताल प्रबंधन और प्रशासन को खुद जाकर जानकारी दे रहे हैं कि उनके घर का सदस्य कोरोना पॉजिटिव है. बावजूद इसके मरीजों को स्वास्थ्य विभाग इलाज के लिए अस्पताल लेकर नहीं जा रहा है, जिससे मरीज की जान को तो खतरा है ही, साथ ही दूसरे लोगों में भी कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ता दिख रहा है.
कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के परिजनों का कहना है कि पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल मेकाहारा और क्षेत्र के संबंधित थाने में जाकर सूचना दी, लेकिन तीन दिन बीत जाने के बाद उसको कोविड-19 अस्पताल नहीं ले जाया गया. ऐसे में इलाके में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है. जबकि राजधानी रायपुर पहले ही कोरोना हॉटस्पॉट बन चुका है, लेकिन विभाग गंभीर नजर नहीं आ रहा है. मरीज की रिपोर्ट तीन दिन पहले पॉजिटिव आई थी.
इलाका अब भी नहीं हुआ सील
मरीज के परिजन क्षेत्र के पार्षद से लेकर ETV भारत से मदद की गुहार लगा रहे हैं. बड़ी हैरत की बात है कि कोविड-19 की गाइडलाइन के मुताबिक पॉजिटिव आने पर न केवल मरीज को, बल्कि उसके परिजनों को क्वॉरेंटाइन करने के साथ क्षेत्र को सील कर दिया जाता है, लेकिन यहां तो तमाम चीजें उल्टी ही नजर आ रही हैं.
एक ही कमरा, एक ही बाथरूम, चार सदस्य
मरीज के परिजन ने बताया वे लोग किराए के घर में रहते हैं. उनके पास एक ही कमरा है. उस कमरे में संक्रमित मरीज समेत चार अन्य लोग भी रहते थे. फिलहाल उन्होंने मरीज को अलग से कमरा दिया हुआ है, लेकिन खतरा अभी भी बना हुआ है, क्योंकि मरीज उसी घर में रह रहा है. वहीं पर वॉशरूम यूज कर रहा है. वहीं नहा रहा है और वहीं पर खाना खा रहा है.
अस्पताल जाने के लिए इंतजार कर रहे मरीज