रायपुर:केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी का कहना है कि "झारखंड-बिहार सीमा पर सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन द्वारा चलाए जा रहे लगातार अभियान के बाद, माओवादी अब मध्य प्रदेश-महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ (एमएमसी) कॉरिडोर के गोंदिया और बालाघाट जोन में शरण लेने की कोशिश कर रहे हैं."
माओवादियों का मजबूत पकड़ लगभग साफ:गुरुवार को एक वरिष्ठ सीआरपीएफ अधिकारी ने कहा कि "हमने झारखंड-बिहार सीमा के साथ बुढा पहाड़ पर माओवादियों के मजबूत पकड़ को लगभग साफ कर दिया है. जिसने निश्चित रूप से नक्सलियों को सुरक्षित स्वर्ग की तलाश करने के लिए मजबूर किया है. हमारी खुफिया जानकारी के अनुसार, माओवादी अब गोंदिया में शरण लेने की कोशिश कर रहे हैं. एमएमसी कॉरिडोर का बालाघाट क्षेत्र माओवादियों के खिलाफ जारी अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक कि उनका उनके गढ़ से सफाया नहीं हो जाता. हमें राज्य पुलिस बलों से अच्छा सहयोग मिल रहा है और इसके परिणामस्वरूप नक्सलियों का उनके गढ़ से सफाया हो गया है."
नक्सली पूर्वोत्तर के मोर्चे में भी हुए नाकाम:अधिकारी ने स्पष्ट किया कि "नक्सलियों ने सामान्य रूप से पूर्वोत्तर और विशेष रूप से असम में अपना ठिकाना बनाने की कोशिश की थी. लेकिन सुरक्षा एजेंसियों ने माओवादियों के इस तरह के प्रयास को शुरुआती चरण में ही उसके कुछ शीर्ष कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर रोक दिया. पिछले साल असम के कछार जिले में सुरक्षा एजेंसियों ने एक शीर्ष माओवादी नेता-कंचन दा-को गिरफ्तार किया. जो भू-आबद्ध पूर्वोत्तर में ठिकाने बनाने की कोशिश कर रहा था."