रायपुरःनवरात्र के छठे दिन ( sixth day of Navratri) मां के कात्यायनी(Maa Katyayani) रूप की पूजा की जाती है. कहा जाता है कि मां के इसी रूप ने महिषासुर का वध (Mahishasura Wadh) किया था. इसलिए अलौकिक तेज प्रदान करने वाली मां कात्यायनी की पूजा (Worship of Maa Katyayani ) से शत्रु का नाश होता है.
कहा जाता है कि मां कात्यायनी ने सिंह पर आरूढ़ होकर महिषासुर का वध किया. इसलिए मां कात्यायनी को महिषासुरमर्दनी (Mahishasurmardani) भी कहा जाता है. वह शक्ति की आदि स्वरूपा हैं. शत्रु नाश के लिए विशेष तौर पर मां कात्यायनी की पूजा का विधान है. कहते हैं कि मां कात्यायनी की आराधना से मनुष्य शत्रुओं पर विजय प्राप्त कर लेता है.
ये है पौराणिक कथा
महर्षि कात्यायन ने मां भगवती की उपासना करते हुए वर्षों तक कठिन तपस्या की. उनकी इच्छा थी कि मां भगवती उनके घर पुत्री रूप में जन्म लें. मां ने उनकी प्रार्थना स्वीकार कर ली. महर्षि कात्यायन ने सर्वप्रथम इनकी पूजा की. इसी कारण ये मां कात्यायनी कहलाईं.मां कात्यायनी अमोघ फलदायिनी हैं.
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ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री हैं मां कात्यायनी
कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण को पति रूप में प्राप्त करने के लिए ब्रज की गोपियों ने मां की पूजा कालिंदी-यमुना तट पर की थी. मां ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी के रूप में भी प्रतिष्ठित हैं. मां की उपासना से अलौकिक तेज की प्राप्ति होती है. मां के पूजन से अद्भुत शक्ति का संचार होता है. गोधुली बेला में मां का ध्यान करना चाहिए. माता का स्वरूप बहुत करुणामयी है. विजयदशमी का पर्व माता कात्यायिनी द्वारा महिषासुर का वध करने के कारण मनाया जाता है. इस दिन अस्त्र-शस्त्र की पूजा की जाती है. माता के आशीर्वाद से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं.
शत्रुओं का नाश करती हैं मां
मां की आराधना से रोग, शोक, संताप और भय से मुक्ति मिलती है. शिक्षा क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए मां कात्यायनी की पूजा अवश्य करनी चाहिए. मां की पूजा के लिए पीले या लाल रंग के वस्त्र धारण करें. माता के समक्ष पीले रंग के फूलों को अर्पित करें. धूप-दीप से मां की आरती करें. मां कात्यायनी की पूजा में मधु यानी शहद को अवश्य शामिल करें. मां को शहद का भोग लगाने से सुंदर रूप की प्राप्ति होती है.
मां कात्यायनी के मंत्र
मां कात्यायनी के मंत्रो का जाप लाल चंदन की माला या फिर रुद्राक्ष की माला से करें.जाप करने के बाद माला को गले में धारण कर लें. शीघ्र ही आपकी इच्छा पूरी होगी.
- ॐ कात्यायिनी देव्ये नमः।
- या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
- कात्यायनी महामाये , महायोगिन्यधीश्वरी।