रायपुर: सांस्कृतिक रूप से अगर देखा जाए तो दुनिया में दो तरहे ले लोग होते है. इंसानों का एक धड़ा होत है जो धर्म पर विश्वास करता है, जो धार्मिक मान्यताओं को विज्ञान से ऊपर रखता है. जबकि दूसरा धड़ा वो होता है जो वैज्ञानिक और तकनीक और विज्ञान पर भरोसा रखता है. जो तकनीकी चमत्कारों पर विश्वास करता है. आज के दौर में विज्ञान लगातार विकसित हो रहा है. ऐसे में इसकी समझ होना और भी ज्यादा जरूरी हो जाती है.
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का इतिहास:भारत सरकार को NCSTC ने 28 फरवरी 1986 को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाने की पेशकश की थी. जिसे तब की सरकार ने आधिकारिक रुप से मनाने की घोषणा की थी. जिसके बाद से ही देश भर के स्कूलों, कॉलेजों, संस्थानों और अन्य शैक्षणिक, चिकित्सा, तकनीकी, औषधीय और अनुसंधान संस्थानों में यह मनाया जाता है.
28 फरवरी 1987 को जब देश में पहला राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जा रहा था. उसी साल NCSTC ने विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धियां हासिल करने वाले लोगों को उनके प्रयासों के लिए राष्ट्रीय विज्ञान लोकप्रियकरण पुरस्कार देने की घोषणा की थी.
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2023 का थीम:राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का साल 2023 का थीम “वैश्विक भलाई के लिए वैश्विक विज्ञान” है. राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2022 की थीम 'सतत भविष्य के लिए एस एंड टी में एकीकृत दृष्टिकोण' थी. कोरोना काल की वजह से पिछले कुछ सालों से इस दिवस के दिन आयोजन नहीं हो पा रहे थे. लेकिन अब देश भर में इसे शैक्षणिक संस्थानें और सरकारें मनाती हैं.