रायपुर:देशभर में कोरोना वायरस के लंबे दौर के बाद अब धीरे-धीरे जिंदगी पटरी पर लौटने लगी है. लोगों को धीरे-धीरे काम भी मिल रहा है. रायपुर के अंबुजा मॉल में राष्ट्रीय पटसन बोर्ड ने जूट मेला ऑर्गेनाइज किया है. जूट मेला 12 दिसंबर से 20 दिसंबर तक चलेगा. यहां पर उत्तर प्रदेश, कोलकाता समेत अन्य राज्यों के कलाकार हाथों से बनाई हुई जूट की वस्तुएं बेचने आए हैं.
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विधानसभा रोड के पास मेले में जूट के कपड़े, फैंसी बैग , चप्पल , कान की बालियां , कंगन , वॉल हैंगिंग , शॉपिंग बैग , जूट के मास्क , फैशन एसेसरीज लोगों को काफी आकर्षित कर रहें हैं. कोरोना के लंबे दौर के बाद इस तरह के का मेला शहर में लगाया गया है. मेले में सजावट संबंधित चीजें लोग अधिक खरीद रहें हैं.
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जूट मेले में विभिन्न राज्यों से आए लोग
जूट मेले में जूट से बने सामान को बेचने के लिए देश के विभिन्न राज्यों से लोग रायपुर पहुंचे हुए हैं. जूट मेले में 10 रुपये से लेकर 1000 हजार रुपये तक के सामान दुकानदारों के पास हैंं. लोगों को भी जूट मेला काफी पसंद आ रहा है. शनिवार और रविवार को जूट मेले में काफी भीड़ भाड़ देखने को मिली थी.
मेले में जूट के कपड़े और फैंसी बैग जूट मेला ऑर्गेनाइज होने से हमें हो रहा नुकसानकोविड-19 में पहले मेला ओपन नहीं हो रहा था. अभी हमारा मेन हेड ऑफिस नेशनल जूट बोर्ड एरिया ने रायपुर में जूट मेला ऑर्गेनाइज किया है. इस बार रायपुर में जूट मेला लगाया गया है. शहर से बाहर होने की वजह से कई खरीदार यहां नहीं पहुंच पा रहे हैं. इसे हमें थोड़ा बहुत नुकसान तो हो रहा है, लेकिन हमें उम्मीद है कि 4 दिन अभी बचे हैं. जूट मेले में लोग आएंगे और हमारे सामानों को खरीदेंगे.
7 कारीगरों की मेहनत से बनता है एक वॉल हैंगिंगवॉल हैंगिंग बनाने के लिए 7 कारीगर लगते हैं. एक वॉल हैंगिंग बनाने के लिए 7 कारीगरों को 4 से 5 दिन का समय लगता है. इन 7 कारीगरों में किसी का 1 घंटे का काम है, तो किसी का 3 घंटे का तो किसी का 4 घंटे का सबका अलग अलग काम है. तब जाकर एक पीस तैयार होता है. वॉल हैंगिंग टोटल जूट के और हाथों से बनाए गए हैं.
लोगों को पसंद आ रहे हैं जूट से बने सामान रीता मुखर्जी ने बताया कि वीकेंड में ज्यादा भीड़-भाड़ होने की वजह से लोग वीकेंड को अवॉइड कर रहे हैं. खरीदारी करने के लिए वीक डे में शॉपिंग करने आ रहे हैं. मुझे पता था कि यहां पर हमें काफी अच्छी चीजें मिलेंगी. जूट के सामान काफी अच्छे होते हैं. ड्यूरेबल होते हैं. ब्यूटीफुल होते हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि रायपुर में जूट से बने सामान काफी कम मिलते हैं. यहां पर ऐसे कई लोग हैं, जो जूट के सामानों को खरीदना चाहते हैं. ऐसे में इन मेलों का ऑर्गेनाइज होना काफी अच्छी बात है.