रायपुर: डेंगू बुखार का नाम सुनकर लोगों को दिल दहल जाता है. अधिकांश लोग खौफ में आ जाते हैं. डेंगू एक वायरस जनित बीमारी है. जो एडीज मच्छर के काटने से होती है. इस मच्छर के काटने से यह वायरस व्यक्ति के शरीर में पहुंच जाता है. जिससे वह बीमार पड़ जाता है.
हर साल 16 मई को मनाया जाता है राष्ट्रीय डेंगू दिवस: अगर आंकड़ों की माने तो 5 लाख से भी ज्यादा लोग हर साल भारत में डेंगू बीमारी की गिरफ्त में आने के बाद अस्पताल में भर्ती होते हैं. यही वजह है कि लोगों को डेंगू के प्रति जागरुक करने के लिए हर साल 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है. इस दिन को मनाने की शुरूआत केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की तरफ से की गई. आम तौर पर हमारे देश में जब भी गर्मी के बाद बारिश का समय आता है तब डेंगू तेजी से देश के राज्यों में फैलने लगता है. यूं कहें की मानसून के दौर में डेंगू अपने चरम पर पहुंच जाता है.
बारिश में होती है डेंगू की शुरुआत: बारिश के साथ ही डेंगू के मच्छरों की दस्तक शुरू हो जाती है. अगर डेंगू के वायरस की बात करें तो यह चार तरह के होते हैं. जिनमें डीईएनवी-1, डीईएनवी-2, डीईएनवी-3 और डीईएनवी-4 शामिल है. इन वायरस से ग्रसित एडीज मच्छर जब किसी व्यक्ति को काटता है तो वह डेंगू बुखार की गिरफ्त में आ जाता है. दरअसल, डेंगू का लार्वा रूके हुए साफ पानी में ही पनपता है, ऐसी सूरत में लापरवाही बरतने पर डेंगू फैलने की आशंका बढ़ जाती है.