रायपुर:पिछले कुछ दिनों से कोरोना के एक बेहद घातक वेरिएंट के बारे में खूब चर्चा हो रही है. इसे AP वेरिएंट (N440K) कहा जा रहा है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ये भी दावा किया गया है कि ये वेरिएंट कई गुणा तेजी से फैलता है. फिलहाल ये आंध्रप्रदेश के कुरनुल से शुरू होकर विशाखापट्टनम के आसपास स्थित है. आंध्रप्रदेश-तेलंगाना की सीमा से लगे छत्तीसगढ़ में भी इस वेरिएंट के बारे में चर्चा जोरों पर है. खासतौर पर बस्तर में इसे लेकर प्रशासन स्तर पर भी काफी सतर्कता बरती जा रही है. ETV भारत ने इस नए वेरिएंट के संबंध में तेलंगाना के निजामाबाद गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर मदाला किरण से बात की. डॉ. किरण का कहना है कि एपी वेरिएंट के नाम पर केवल अफवाह फैलाई जा रही है.
कोई नया वेरिएंट नहीं है N440K- एक्सपर्ट
छत्तीसगढ़ में जिस एपी वेरिएंट यानि N440K को लेकर चर्चा हो रही है, दरअसल ये कोई नया वेरिएंट नहीं है. डॉ. मदाला किरण के मुताबिक ये वेरिएंट पिछले साल अस्तित्व में आ गया था, ये कोई घातक वेरिएंट नहीं है. इसलिए इससे डरने की जरूरत नहीं है, जबकि दक्षिण बस्तर में इसे लेकर काफी खौफ का माहौल है.
महाराष्ट्र वेरिएंट से ही ज्यादातर राज्यों में मरीज
देश में कोरोना वायरस के वेरिएंट्स पर लगातार नजर रखने वाले डॉ. किरण कहते हैं कि वैसे तो भारत में फिलहाल कोरोना वायरस के कई वेरिएंट हैं, लेकिन इनमें महाराष्ट्र वेरिएंट का संक्रमण सबसे ज्यादा है, इसके बाद यूके वेरिएंट, साउथ अफ्रीका वेरिएंट के केस भी देखने को मिल रहे हैं.