रायपुर: छत्तीसगढ़ में साल 2016, 2017 और 2018 की अपेक्षा 2019, 2020 और 2021 में अपराध के करीब 29 फीसदी मामले बढ़े हैं. यही नहीं लूट के मामले में करीब 10 फीसदी, यौन उत्पीड़न, छेड़छाड़ के मामले में 110 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. यह पुलिस विभाग के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. इन आंकड़ों को लेकर अब राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है. विपक्ष प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर सरकार पर निशाना साध रही है. वहीं सत्तापक्ष के नेताओं का मानना है कि सरकार पर भरोसा जताते हुए पीड़ित परिवार के लोग अब थानों में शिकायत करने लगे हैं. जबकि इससे पहले भय की वजह से लोग थाने तक शिकायत करने भी नहीं जाते थे. यही वजह है कि कुछ मामलों में आंकड़ों में वृद्धि दिखाई दे रही है.
दुष्कर्म के 6 साल के आंकड़े
वर्ष | दुष्कर्म के मामले |
2016 | 977 |
2017 | 1033 |
2018 | 1185 |
कुल योग | 3195 |
वर्ष | दुष्कर्म मामले |
2019 | 1271 |
2020 | 1289 |
2021 | 1575 |
कुल योग | 4135 |
लूट के आंकड़े
साल | लूट के मामले |
2016 | 233 |
2017 | 209 |
2018 | 244 |
कुल योग | 686 |
साल | लूट के मामले |
2019 | 242 |
2020 | 230 |
2021 | 285 |
कुल योग | 757 |
रेप के मामले
साल | यौन उत्पीड़न और छेड़छाड़ के मामले |
2016 | 53 |
2017 | 85 |
2018 | 100 |
कुल | 238 |
साल | यौन उत्पीड़न और छेड़छाड़ के मामले |
2019 | 144 |
2020 | 159 |
2021 | 197 |
कुल | 500 |
हत्या के केस
साल | मर्डर केस |
2016 | 585 |
2017 | 516 |
2018 | 541 |
कुल | 1642 |
साल | मर्डर केस |
2019 | 488 |
2020 | 548 |
2021 | 569 |
कुल | 1605 |
दुष्कर्म के बढ़ते मामलों पर क्या कहते हैं मनोवैज्ञानिक
छत्तीसगढ़ में जिस तेज गति से साल दर साल दुष्कर्म के मामले बढ़ रहे हैं और जिस तरह से आंकड़े निकल कर सामने आ रहे हैं, वह निश्चित ही चिंता का विषय है. बढ़ते दुष्कर्म के मामले की आखिर क्या वजह हो सकती है. इसे लेकर हमने मनोवैज्ञानिक डॉ. वर्णिका शर्मा ने बताया कि ''विचारों में विकृति का आना या फिर गंदगी का आ जाना. यही मनुष्य के अंदर दुरवृत्ति को जन्म देता है. यही चीज किसी इंसान को दुष्कर्म की ओर प्रेरित करती है. ज्यादातर युवा वर्ग वैचारिक संतुलन नहीं बना पाते या तो बहुत अधिक पावर की कल्पना करते हैं या फिर अपने आप में अत्यधिक हीनता महसूस करते हैं. यही बात उनके अंदर दुरवृत्ति को जन्म देती है. इन मामलों में आई बढ़ोतरी के लिए हम सिर्फ और सिर्फ पुलिस को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते बल्कि समाज के अंदर भी जागरूकता की जरूरत है. युवाओं को नशे से दूर रखने और महिलाओं को मानसिक तौर पर मजबूत करने की भी आवश्यकता है.''
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