रायपुर: कोरोना और लॉकडाउन ने वैसे तो देश दुनिया के तमाम सेक्टर्स पर अपना इफेक्ट डाला है. देश के तमाम राज्य कोरोना की जद में आकर इंडस्ट्रियल ग्रोथ को लेकर परेशान रहे हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में दूसरे राज्यों के मुकाबले इसका असर कम ही रहा है. उद्योगों को बिजली दर में रियायत, अनुदान, सहायता, सरल और सुविधाजनक व्यवस्था के साथ स्थानीय उद्योगों के उत्पादों को प्राथमिकता देने जैसे कई बड़े फैसलों ने छत्तीसगढ़ के उद्योग जगत के लिए संजीवनी का काम किया है. ETV भारत ने जब उद्योग जगत के तमाम लोगों से इसे लेकर बात की, तो दूसरे राज्यों के मुकाबले छत्तीसगढ़ में एमएसएमई सेक्टर में कोरोना काल के दौरान भी अच्छा काम चलने की बात सामने आई.
सूक्ष्म और लघु उद्योग सेक्टर किसी भी राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ होते हैं, लेकिन कोरोना और लॉकडाउन के चलते देशभर में यह सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित रहा. देशभर में हो रहे पलायन के चलते तमाम राज्यों में रॉ मटेरियल और लेबर की कमी के चलते उद्योग जगत पूरी तरह प्रभावित हुआ. छत्तीसगढ़ में स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सस्ते दर पर बिजली, जमीनों की रियायत, फ्री होल्ड करने और रॉ-मटेरियल उपलब्ध करवाने जैसे कई फैसलों से छत्तीसगढ़ में कोरोना के दौर में भी औद्योगिक गतिविधियां नहीं थमीं. छत्तीसगढ़ के कोर सेक्टर के उद्योगों में भी उत्पादन जारी रहा. साल 2020 में जनवरी से लेकर अब तक 848 औद्योगिक इकाईयों ने 14 हजार 983 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश कर उद्योगों में 15 हजार 424 व्यक्तियों को रोजगार दिया है.
भूपेश कैबिनेट ने उद्योगों को दी राहत
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लॉकडॉउन के दौरान अलग-अलग सेक्टर के उद्योग प्रतिनिधियों से चर्चा कर उनकी समस्याएं सुनीं. साथ ही इसे सुलझाने के लिए कई फैसले भी लिए. भूपेश कैबिनेट ने बैठक लेकर उद्योगों को लीज पर दी गई जमीन पर उद्योग लगाने के लिए निर्धारित 1 साल के समय को बढ़ा दिया. नए बायोएथेनॉल प्लांट लगाने के लिए अर्ली बर्ड अनुदान के लिए 18 महीने का समय तय किया गया. राज्य सरकार ने औद्योगिक नीति 2019 से 2024 में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के उद्यमियों और स्टार्टअप के लिए स्पेशल पैकेज भी घोषित किया.
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औद्योगिक नीति 2019-2024 में स्थापित होने वाले उद्योगों को विस्तार देने के लिए अनुदान छूट और रियायतों की पात्रता का अनुमोदन का फैसला भी कैबिनेट ने लिया. सूक्ष्म उद्योगों के साथ-साथ लघु और मध्यम उद्योगों को भी स्थायी पूंजी निवेश अनुदान की सुविधा देने का फैसला लिया गया. कोर सेक्टर के उद्योगों को पूरे राज्य में विद्युत शुल्क की छूट दी गई. स्पंज आयरन और स्टील सेक्टर के उद्योगों के लिए भी सपोर्ट पॉलिसी के तहत विशेष पैकेज घोषित करते हुए क्षेत्रवार छूट की सीमा 60% से 150% तक कर दी गई. इसी तरह भूजल के औद्योगिक उपयोग के लिए निर्धारित दरों में 20 से 33% तक की कमी की गई.
आयरन एंड स्टील क्षेत्र को प्रोत्साहन
छत्तीसगढ़ सरकार की नई औद्योगिक नीति के तहत स्पंज आयरन एंड स्टील क्षेत्र के अल्ट्रा मेगा प्रोजेक्ट में निवेश के लिए विशेष निवेश प्रोत्साहन पैकेज देने का भी फैसला लिया गया. मेगा निवेशकों के लिए घोषित किए गए पैकेज में अधिकतम 500 करोड़ रुपये तक का निवेश प्रोत्साहन मान्य किया जा रहा है. प्रस्तावित इकाईयों के लिए 31 अक्टूबर 2024 को या उसके पहले पहले व्यावसायिक उत्पादन शुरू करना जरूरी होगा.