रायपुर: छत्तीसगढ़ के रहने वाले चित्रसेन साहू ने एक बार फिर से छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया है. चित्रसेन ने यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी को फतह किया है. रूस के माउंट एलब्रुस की चोटी पर चढ़कर चित्रसेन ने देश का तिरंगा लहराया. माउंट एलब्रुस ( Mount Elbrus) पर्वत की ऊंचाई 5642 मीटर है. चित्रसेन इस पर्वत पर फतह करने वाले देश के पहले डबल एंप्यूटी पर्वतारोही हैं. मिशन इंक्लूजन के तहत चित्रसेन ने यह तीसरी ऊंची चोटी फतह की है.
रूस से वापस लौटे चित्रसेन से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की.
सवाल- आपने यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी फतह की है, कैसा महसूस कर रहे हैं?
जवाब- यह काफी अच्छा एक्सपीरियंस था. कठिनाइयां काफी आई, लेकिन यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी फतह का यह तीसरा अनुभव था.
सवाल- कोरोना संक्रमण के बीच आप दूसरे देश गए. किस तरह से परेशानियों का सामना किया?
जवाब- कोरोना संक्रमण के कारण यह अभियान पिछले डेढ़ साल से रूका हुआ था. पिछले साल यूरोप महाद्वीप जाने वाले थे. लेकिन संक्रमण के कारण नहीं जा पाए. वहां जाने से पहले सभी वैक्सीनेशन और ट्रैवल प्रोटोकॉल का भी ध्यान रखा. कठिनाइयां तो माउंटेनियरिंग में होती है. सबसे ज्यादा मौसम की दिक्कत आई. जब पहाड़ चढ़ रहे थे, उस दौरान स्नोफॉल हो रही थी, टेंपरेचर भी डाउन हो गया था. उस कंडीशन में पहाड़ पर चढ़ना चैलेंजिंग था. जब हम सफल होकर आए तो काफी अच्छा अनुभव हो रहा है.
सवाल- लोग सामान्य पैरों से चलते हैं तो उन्हें भी तकलीफ होती है लेकिन आपने कृत्रिम पैरों से पहाड़ चढ़ा, कितनी इंजरी का सामना करना पड़ा?
जवाब- माउंटेनियरिंग करने में इंजरी के लिए टफ प्रिपरेशन रहती है. एक लैग काफी सेंसेटिव है. क्लाइबिंग के दौरान 5400 मीटर की ऊंचाई पर एक खतरनाक चढ़ाई आई थी, वहां पैर फिसल गया. उसके बाद एक इंजरी आई और चलना मुश्किल हो गया था. पेन किलर और स्प्रे करने के बाद चढ़ाई शुरू की. हम धीरे-धीरे नंबर काउंट कर चढ़ाई करते थे.