छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

छत्तीसगढ़ राज्य योजना आयोग और 18 उच्च शैक्षणिक संस्थानों के साथ एमओयू

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय से कुल 18 शैक्षणिक संस्थानों के बीच शोध और अनुसंधान के लिए आयोजित वर्चुअल ऑनलाइन एमओयू हस्ताक्षर कार्यक्रम को संबोधित किया.

By

Published : Oct 20, 2020, 10:42 PM IST

Virtual online MOU signature program
ऑनलाइन एमओयू हस्ताक्षर कार्यक्रम

रायपुर:मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय से राज्य योजना आयोग और राज्य के 14 विश्वविद्यालयों और 4 उच्च शैक्षणिक संस्थानों ट्रिपल आईटी, आईआईएम, एम्स और आईआईटी कुल 18 शैक्षणिक संस्थानों के मध्य शोध और अनुसंधान के लिए आयोजित वर्चुअल ऑनलाइन एमओयू हस्ताक्षर कार्यक्रम को संबोधित किया. मुख्यमंत्री बघेल ने कहा है कि विश्वविद्यालयों का कार्य केवल डिग्री देना नहीं, समाज और राज्य की समस्याओं का प्रभावी और वैज्ञानिक हल खोजना भी है.

कार्यक्रम में राज्य के समावेशी विकास में इन उच्च शैक्षणिक संस्थानों की भागीदारी सुनिश्चित करने और उनके ज्ञान और कौशल से स्थानीय और कृषि, उद्योग सहित विभिन्न क्षेत्रों की समस्याओं के प्रभावी और वैज्ञानिक समाधान, अनुसंधान, अध्ययन और नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए तीन सालों के लिए एमओयू किया गया. राज्य के विकास में उच्च शैक्षणिक संस्थानों की सक्रिय भागीदारी निभाने में छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बन गया है. कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, योजना और संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष अजय सिंह, मुख्यमंत्री के सलाहकार समेत कई लोग कार्यक्रम में उपस्थित रहे. एमओयू में राज्य योजना आयोग के अधिकारी और संबंधित शैक्षणिक संस्थानों के अधिकारियों ने हस्ताक्षर किए.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े कई दिग्गज

कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राज्य योजना के सदस्य के सुब्रमण्यम, सदस्य सचिव अनुप कुमार श्रीवास्तव, प्रदेश के 14 विश्वविद्यालयों के कुलपति, रजिस्ट्रार, विद्यार्थी और 4 उच्च शैक्षणिक संस्थानों के निदेशक जुड़े. मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य योजना आयोग और इन संस्थानों के मध्य एमओयू के माध्यम से प्रदेश की विशिष्ट समस्याओं और दिक्कतों की पहचान कर उनपर अनुसंधान, अध्ययन, नवाचार द्वारा समाधान ढूंढे जा सकेंगे और इन संस्थानों में उपलब्ध ज्ञान कौशल का उपयोग राज्य की जनता कर सकेगी. इन संस्थानों की उपलब्धियों का लाभ आम आदमी को मिलेगा.

प्रदेशवासियों को मिलेगा लाभ

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि राज्य में कृषि, रोजगार, ग्रामीण विकास, कुटीर उद्योगों से लेकर बड़े उद्योगों तक की समस्याओं और सामाजिक समस्याओं क वैज्ञानिक ढंग से सरल समाधान हो, इसमें उच्च शैक्षणिक संस्थानों की फैकल्टी और प्रतिभावान विद्यार्थियों के ज्ञान और कौशल का लाभ मिले, इस उद्देश्य से यह एमओयू आज किया गया है. इससे विशेषज्ञों और विद्यार्थियों को प्रदेश की जमीनी समस्याओं से रूबरू होने का मौका मिल सकेगा. आने वाले समय में इसका लाभ प्रदेश, प्रदेशवासियों और देश को मिलेगा.

पढ़ें: राजभवन-सरकार में टकराव! : राज्यपाल के फाइल लौटाने पर बोले सीएम, 'सत्र बुलाने से नहीं रोक सकतीं राज्यपाल'

आटोमोबाइल उद्योगों के विकास में मिलेगी मदद
बघेल ने कहा कि इस एमओयू के तहत राज्य योजना आयोग के समन्वय के साथ उच्च शैक्षणिक संस्थानों में बनने वाले 'शोध और अनुसंधान प्रकोष्ठ' में लघु वनोपजों के वैल्यू एडिशन, कृषि उत्पादों, उद्यानिकी, फसलों में वैल्यू एडिशन, कृषि और उद्यानिकी फसलों पर आधारित उद्योगों को खोलने के संबंध में भी अध्ययन और अनुसंधान किया जाएगा. राज्य में कुटीर उद्योगों के विकास और राज्य में उत्पादित इस्पात और एल्युमिनियम पर आधारित वेल्यू एडिशन के सहायक उद्योग जैसे सायकल बनाने के उद्योग और आटोमोबाइल उद्योगों के विकास में भी मदद मिलेगी.

को-ऑडिनेशन यूनिट का शुभारंभ

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में उद्योगों के लिए बिजली, कच्चा माल और कुशल मानव संसाधन उपलब्ध है. उच्च शैक्षणिक संस्थानों की मदद से प्रदेश में वैल्यू एडिशन के उद्योगों की स्थापना के लिए उद्योगपतियों को छत्तीसगढ़ लाने में और लोगों को हुनरमंद बनाने में भी मदद मिलेगी. मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में इस कार्यक्रम में शोध और अनुसंधान के लिए स्थापित को-ऑडिनेशन यूनिट का शुभारंभ किया. योजना और संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि आज छत्तीसगढ़ के लिए ऐतिहासिक अवसर है. जब राज्य के उच्च शैक्षणिक संस्थानों और तकनीकी संस्थानों की प्रतिभाओं को राज्य के विकास में भागीदार बनाने की शुरूआत की जा रही है. इन संस्थानों के अनुसंधान केंद्रों के माध्यम से प्रदेश के विकास की दिशा तय होगी. मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि हावर्ड विश्वविद्यालय के अनुभव के आधार पर राज्य सरकार राज्य की प्लानिंग की मूल इकाई उच्च शैक्षणिक संस्थानों में स्थापित करना चाहती है, जहां राज्य की ग्रास रूट प्लानिंग पर विचार-विमर्श हो. इसके साथ ही राज्य सरकार की योजनाओं के मूल्यांकन का कार्य भी शैक्षणिक संस्थानों में हो, इसके लिए प्रत्येक विश्वविद्यालय और उच्च शैक्षणिक संस्थानों में 'रिसर्च एंड डेवलपमेंट' के लिए विशेष सेल बनेगा.

पढ़ें:बड़ा फैसला: छत्तीसगढ़ में धान और गन्ने से बनाया जाएगा एथेनॉल, 54 रुपए लीटर में खरीदेगी केंद्र सरकार


सरकार के योजनाओं की दी जाकनकारी
राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष अजय सिंह ने कहा कि सीएम बघेल की मंशा अनुसार राज्य योजना आयोग की भूमिका नीति आयोग की तर्ज पर थिंक टैंक के रूप में होगी. उन्होंने राज्य योजना आयोग द्वारा नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी, गोधन न्याय योजना की रूपरेखा बनाने में दिए गए योगदान और गौठानों में रोजगार केंद्र विकसित करने, एथेनॉल उत्पादन, कोविड-19 संक्रमण के दुष्प्रभावों को रोकने की रणनीति तैयार करने, कोविड सहायता पटल वेबसाइट जैसे योजना आयोग के कार्यों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि योजना आयोग में शोध अनुसंधान विंग की स्थापना की गई है. पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय के कुलपति केशरी लाल वर्मा और इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय एसके पाटिल ने भी इस पहल को प्रदेश के विकास के लिए एक नए अध्याय की शुरूआत बताया. योजना आयोग को अपने कार्यक्रमों और योजनाओं के लिए विद्यार्थियों का सहयोग प्राप्त हो सकेगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details