रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा (Chhattisgarh Legislative Assembly ) के मानसून सत्र को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है. (Monsoon session of Chhattisgarh Assembly) शुक्रवार को विधानसभा सचिव चंद्रशेखर गंगराड़े ने अधिसूचना जारी की. विधानसभा का मानसून सत्र 26 जुलाई से शुरू होकर 30 जुलाई तक चलेगा. मानसून सत्र का संचालन कोरोना संक्रमण रोकथाम को लेकर जारी गाइडलाइन का पालन करते हुए किया जाएगा. सत्र में कुल 5 बैठकें आयोजित होंगी.
मानसून सत्र से पहले राजनीतिक सरगर्मी तेज
मानसून सत्र को की अधिसूचना से पहले ही छत्तीसगढ़ में राजनीतिक सरगर्मी पहले ही तेज हो चुकी है. मानसून सत्र की तैयारी को लेकर भारतीय जनता पार्टी की विधायक दल की बैठक 1 दिन पहले ही आयोजित हुई थी. इस बैठक में ना केवल प्रदेश के विधायक बल्कि राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारी भी शामिल हुए थे. बैठक में सत्र के दौरान सरकार को घेरने के लिए रणनीति पर चर्चा भी हुई है. भाजपा ने विधानसभा के मानसून सत्र को लेकर प्रदेश की भूपेश सरकार को कई मुद्दों पर घेरने की तैयारी की है. (mansoon satra )
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छत्तीसगढ़ में वो मुद्दे जिन पर घिर सकती है सरकार
छत्तीसगढ़ में मानसून सत्र के दौरान कई अहम मुद्दों पर चर्चा हो सकती है. बीजेपी कई मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी में है. हाल के दिनों में हुई घटनाएं सरकार के लिए सरदर्द भी बन सकती है.
इन मुद्दों पर मच सकता है हंगामा
- कोविड काल में हुई अव्यवस्था.
- वैक्सीनेशन को लेकर की गई राजनीति.
- धान संग्रहण केंद्रों में धान की बर्बादी.
- 14580 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में देरी.
- सिलगेर प्रकरण को लेकर आदिवासी समाज की नाराजगी.
- प्रदेश में बढ़ती खुदखुशी की घटनाएं.
- युवाओं के बीच बढ़ती बेरोजगारी और बेरोगारी भत्ता
- छत्तीसगढ़ में शराब बंदी.
- छत्तीसगढ़ में केंद्र सरकार की योजनाओं का क्रियान्वयन.
भूपेश सरकार को रहना होगा तैयार
बीजेपी लगातार छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है. ब्लॉक स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक के प्रदर्शन किए गए हैं. भाजपा ने भूपेश सरकार के ढाई साल पूरे होने के बाद सरकार को घेरने के लिए रणनीति बना ली है. प्रदेश भर में लोगों से फीडबैक लेकर भी सरकार को घेरेने की तैयारी है. वहीं सत्ता सरकार भी अपने किए गए कामों और कई जन कल्याणकारी योजनाओं के उपलब्धियों को लेकर सदन में अपनी बात को दमदारी से रखने के लिए तैयार रहेगी. मानसून सत्र को लेकर अधिसूचना जारी होने के बाद यह बात भी उठ रही है कि सत्र बेहद कम समय का आयोजित किया जा रहा है. 5 दिनों के सत्र में प्रदेश के तमाम ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा संभव नहीं हो पाएगी.
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छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में हुआ था जमकर हंगामा
छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र का समय से पहले समापन हो गया था. 24 दिवसीय सत्र समय से पहले 12 दिन में ही खत्म कर दिया गया था. (budget session of chhattisgarh assembly ) बजट सत्र 22 फरवरी से 9 मार्च तक ही चला था. प्रश्नकाल के दौरान कई मुद्दों पर बीजेपी और जेसीसीजे के विधायकों ने सरकार को घेरने की कोशिश की थी. बता दें कांग्रेस विधायकों विपक्ष से भी अधिक सवाल लगाए थे. अहम मुद्दों पर एक नजर-
- आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती और अधूरे निर्माण का मुद्दा.
- गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी में गड़बड़ी का मुद्दा गर्म था.
- किसानों की आत्महत्या मुद्दे पर भी हुआ हंगामा.
- अवैध रेत उत्खनन और शिकार के मुद्दों पर सरकार को जमकर घेरा गया था.
- फसल बीमा योजना को लेकर सवाल लगाए गए थे.
- उद्योगों को पानी देने के बाद भी जल कर करोड़ों रुपये बकाया को लेकर सवाल उठे थे.
- सेस की राशि पर सवाल उठा था.
- धान खरीदी का मुद्दा गर्माया था.
- राइस मिलों पर पंजीयन का मुद्दा गर्माया था.
- मोर जमीन मोर मकान के तहत और पीएम आवास आवंटन का मुद्दा उठा था.
- प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने मकानों को लेकर सवाल किए गए थे.