रायपुर: मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस दिन व्रत उपवास का विशेष विधान है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की विधि-विधान पूजा करना शुभ होता है. व्रत करने वाले जातक को मृत्यु के बाद मोक्ष प्राप्ति होती है और बैकुंठधाम में जगह मिलती है(lord vishnu blessings on mokshada ekadashi). इस बार मोक्षदा एकादशी के दिन रवि योग का संयोग भी बन रहा है. रवि योग में काम की शुरुआत करने से सूर्य देव और विष्णु जी की विशेष कृपा मिलती है. Mokshada Ekadashi 2022
मोक्षदा एकादशी 2022 का महत्व: हिन्दु धर्म में एकादशी व्रत को सभी व्रतों में सर्वश्रेष्ठ माना गया है. मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस साल मोक्षदा एकादशी 3 दिसंबर 2022 शनिवार के दिन पड़ रही है. महाभारत के युद्ध के समय जब भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था, उस दिन मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी थी. इसलिए इस दिन गीता जयंती और मोक्षदा एकादशी दोनों होने से इस व्रत का महत्व और अधिक बढ़ जाता है.
कब है मोक्षदा एकादशी 2022:पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का 3 दिसंबर को प्रातः 05.39 मिनट से शुरु हो रहा है. एकादशी तिथि का समापन अगले दिन 4 दिसंबर को सुबह 05.34 मिनट पर होगा. मोक्षदा एकादशी का व्रत 3 दिसंबर को रखा जाएगा.