रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और भाजपा दोनों ने लोकलुभावन योजनाओं से किसानों, महिलाओं और गरीबों को लुभाने की पुरजोर कोशिश की. लेकिन जनता ने कांग्रेस से ज्यादा भाजपा के वादों और मोदी की गारंटी पर भरोसा जताया. जिससे भाजपा ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में बड़ी जीत पाई. भाजपा ने छत्तीसगढ़ की 90 सीटों में से 54 विधानसभा सीटें अपने नाम की जबकि साल 2018 में 68 सीटें जीतकर सरकार बनाने वाली कांग्रेस को सिर्फ 35 सीटें मिली. गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने अपना पारंपरिक सीट पाली तानाखार पर विजय हासिल की.
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 से पहले कांग्रेस की घोषणा: कांग्रेस और भाजपा दोनों ने अपने घोषणापत्र में समाज के विभिन्न वर्गों को रियायतें देने के बड़े बड़े वादे किए. चुनाव से काफी पहले कांग्रेस ने घोषणा की थी कि राज्य इस खरीफ सीजन में किसानों से प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदेगी. चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस ने किसानों को ऋण माफी का वादा किया, जो 2018 में भी किया गया था. जैसे ही चुनाव अभियान ने गति पकड़ी, कांग्रेस ने कई और वादे किए. जिनमें राजीव गांधी भूमिहीन किसान न्याय योजना के तहत भूमिहीन मजदूरों को दी जाने वाली वार्षिक वित्तीय सहायता को 7,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये करना, 3200 रुपये क्विंटल में धान खरीदी, केजी से पीजी तक मुफ्त शिक्षा देना शामिल है. साथ ही 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली की भी घोषणा कांग्रेस ने की. इसके साथ ही महिलाओं को घरेलू गैस सिलेंडर पर 500 रुपये की सब्सिडी, 6,000 रुपये में प्रति बैग तेंदू पत्ते की खरीदी और तेंदू पत्ता संग्राहकों को 4000 रुपये का वार्षिक बोनस, गरीबों को 10 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज की घोषणा, सड़क दुर्घटना में पीड़ितों को सहायता राशि और स्व-सहायता समूहों का ऋण माफी की घोषणा कांग्रेस ने की.