रायपुर: सरकार ने राज्य अलंकरण पुरस्कार की घोषणा की है, जिसमें अलग-अलग क्षेत्रों में बेहतरीन कार्य करने वाले लोगों को सम्मानित किया जाएगा. साहित्य और आंतरिक साहित्य के क्षेत्र के लिए मीर अली मीर साहब को पंडित सुंदरलाल शर्मा सम्मान दिया जाएगा. मीर अली मीर के नाम से प्रख्यात कवि का पूरा नाम सैयद अयूब अली मीर है, लेकिन उनका नाम प्रदेश ही नहीं पूरे देश में मीर अली मीर के नाम से जाना जाता है. राज्य स्थापना दिवस पर राज्योत्सव में उन्हें सम्मानित किया जाएगा.
मीर अली मीर साहब को किया जाएगा सम्मानित छत्तीसगढ़ी संस्कृति को अपनी कविताओं के माध्यम से संजोने वाले मीर अली ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि जो सम्मान प्राप्त हो रहा है, उसके लिए वे खुद को भाग्यशाली समझते हैं. उन्होंने बताया कि स्कूल में पढ़ते समय उन्हें साहित्यिक वातावरण मिला और स्कूल में हर शनिवार के दिन साहित्यिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते थे और वे उसी समय से ही साहित्यिक गतिविधियों में लगे रहे.
कविता का करते हैं पाठ
मीर अली ने बताया कि पंडित सुंदरलाल शर्मा को छत्तीसगढ़ का गांधी कहा गया है और उनकी जन्म जयंती पर वे लगातार पिछले 15 वर्षों से धमतरी जिले के चमसुर गांव में काव्य पाठ के लिए शामिल होते हैं. कविता का पाठ करते हैं. साहित्यिक के माध्यम से वे एक नया छत्तीसगढ़ बना रहे है. इसके लिए सभी को सतत प्रयास करना होगा.
कविता पाठ का सिलसिला चलता था
उन्होंने बताया कि वे स्पोर्ट्स टीचर थे और खेल के लिए देशभर के किसी कोने में भी चले जाते थे. स्पोर्ट्स मैच होने के बाद रात में जितने भी पीटीआई मित्र होते थे उनके साथ कविता पाठ का सिलसिला चलता था. वहीं ट्रेन में आते-जाते समय भी कविता पाठ करते चलते थे.
रचनाधर्मिता को बनाए रखा
मीर अली ने बताया कि वे लगातार खेलकूद और अपने मित्रों के माध्यम से अपनी रचना धार्मिता को बनाए रखा. सारे गांव, स्कूल में उन्हें साहित्यिक माहौल मिला. विद्यार्थी जीवन से लेकर अपने शिक्षक जीवन में कविता यात्रा को जारी रखा और आज उसका फल उन्हें मिल रहा है. अली ने प्रख्यात छत्तीसगढ़ी कविता नंदा जाही का पाठ किया. इस कविता में अपना चिंतन व्यक्त किया है.