रायपुर:छत्तीसगढ़ कांग्रेस लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर है. गुरुवार को एक बार फिर कैबिनेट मंत्री और पार्टी के बड़े नेताओं ने मोदी सरकार (Modi government) पर जमकर निशाना साधा. कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे (Agriculture Minister Ravindra Choubey) ने कहा कि 'किसानों पर कोरोना का वार, महंगाई की मार और मोदी जी की सरकार का बर्बर व्यवहार एमएसपी (MSP) में देखने को मिला.' राहत पैकेज का बीस नया पैसा भी किसानों के खाते में नहीं आया. सारी योजनाएं ऋण आधारित थीं. माल्या और मोदी कर्ज लेकर भाग सकते हैं, लेकिन किसान (Farmer) कहां जाएगा ?
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कांग्रेस के बड़े वार-
1- किसानों के खेतों में सब्जियां और फल सड़ गए. जब कृषि कानून बनाए गए, तब एक देश और एक बाजार का लाभ किसानों को मिलने की बात कही गई थी, लेकिन क्या छत्तीसगढ़ का एक भी किसान मेट्रो के बाजार में अपनी फसल बेच पाया ? फलों और सब्जियों की कीमतों में आई गिरावट ने किसानों की कमर तोड़ दी. दोगुनी आय का वादा करने वाली मोदी सरकार ने फिर किसानों को ठग लिया.
2- धान की एमएसपी 72 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाई गई है. इसे 72 रुपए प्रति क्विंटल की जगह इसे 210 रुपए प्रति क्विंटल होना था, तब किसानों को बढ़ी हुई महंगाई के बराबर एमएसपी मिलता. 20-21 की खरीफ फसलों के लिए घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य ऊंट के मुंह में जीरा है. मोदी सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि की है वह इतनी कम है कि किसान पिछले साल की तुलना में घाटे में ही रहेगा. समर्थन मूल्यों में साल दर साल की जा रही बढ़ोतरी इतनी कम है कि किसान की आय दोगुनी होने की संभावना खत्म हो गई है.