रायपुर: भाजपा के चिंतन शिविर में ढोल नृत्य पर उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने दुख जताया है. इसको लेकर उद्योग मंत्री कवासी लखमा (Industries Minister Kabasi Lakhma) ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि बस्तर मुख्यालय में भाजपा के चिंतन शिविर में ढोल नृत्य से आदिवासियों का अपमान हुआ है. चिंतन शिविर में बजने वाला ढोल भी बस्तर का नहीं था. जशपुर का आदमी और ढोल बस्तर में नहीं चलेगा. भाजपा ने बस्तर के लिए कुछ नहीं किया. झलियामारी, ताड़मेटला, सलवाजुड़ुम में कितने लोग मरे, इससे भाजपा को कोई मतलब नहीं है. एक नेता ने आलीशान होटल बनाया है, वहीं ये जाकर नाच रहे हैं. नाचने वाले भी आदिवासी नहीं मिले. ढोल भी बस्तर के नहीं थे. 3 दिन का शिविर लगाकर भी कुछ भाजपा को नहीं मिलने वाला है. भाजपा नेता पिकनिक मनाने बस्तर गए थे.
चिंतन शिविर के दूसरे दिन रिलेक्स मोड में नजर आए थे बीजेपी नेता
2018 विधानसभा चुनाव में अपनी करारी हार को लेकर खासकर बस्तर की 12 में 12 सीटें गंवा चुकी भाजपा के नेता जगदलपुर में आयोजित तीन दिवसीय चिंतन शिविर के दूसरे दिन रिलेक्स मोड में नजर आए थे. नेता छत्तीसगढ़िया गाने 'ऐ पान वाला बाबू' की धुन पर थिरकते हुए नजर आए. जगदलपुर में आयोजित तीन दिवसीय चिंतन शिविर के दूसरे दिन भाजपा नेता देर शाम छत्तीसगढ़ी थाप पर 'ऐ पान वाला बाबू' गाने की धुन पर जमकर थिरके. नंद कुमार साय के ढोल पर बृजमोहन अग्रवाल, रामविचार नेताम, रमन सिंह, धरमलाल कौशिक अपने आप को रोक नहीं पाए. बीजेपी का चिंतन शिविरइस दौरान अनुसूचित जनजाति के राष्ट्रीय अध्यक्ष नंद कुमार साय के ढोल पर बृजमोहन अग्रवाल, रामविचार नेताम, रमन सिंह, धरमलाल कौशिक सहित राष्ट्रीय स्तर के नेता भी ढोल की थाप पर जमकर थिरके.