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नक्सल इलाकों में कैसे पूरा होगा लाखों लोगों के वैक्सीन का इंतजार ?

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Published : Jan 11, 2021, 12:28 PM IST

Updated : Jan 11, 2021, 1:36 PM IST

देश में 16 जनवरी से कोरोना टीकाकरण की प्रक्रिया शुरू होगी. छत्तीसगढ़ के 14 जिले नक्सलवाद झेल रहे हैं. 60 हजार से अधिक जवान यहां सुरक्षा में लगे हैं. कोरोना वैक्सीन अंदरूनी और धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचाना शासन-प्रशासन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा.

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लाखों लोगों की वैक्सीन का इंतजार

रायपुर: छत्तीसगढ़ जितना 'धान के कटोरे' के नाम से फेमस है, राज्य के दामन पर उतना ही नक्सलवाद का दाग भी है. प्रदेश के 14 जिले नक्सल प्रभावित हैं. बस्तर, सुकमा, बीजापुर, कोंडागांव, कांकेर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, बालोद, गरियाबंद, धमतरी, महासमुंद, कवर्धा, राजनांदगांव और बलरामपुर जिले नक्सलवाद झेल रहे हैं. 60 हजार से अधिक जवान यहां सुरक्षा में लगे हैं. ऐसे में कोरोना वैक्सीन अंदरूनी और धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कैसे पहुंचेगी, सबके लिए ये चुनौती और जिज्ञासा दोनों का विषय है. यहां जिंदगी दांव पर लगाकर 'जिंदगी का टीका' लगाना होगा.

टीएस सिंहदेव का बयान

40 हजार स्क्वॉयर किलोमीटर में फैले बस्तर रीजन का करीब 25 हजार स्क्वॉयर किलोमीटर हिस्सा 'रेड कॉरीडोर' कहा जाता है. इस क्षेत्र की 30 से ज्यादा तहसीलों के 4 हजार से अधिक गांवों में रहने वाले लाखों लोग वैक्सीन का इंतजार कर रहे हैं. अब ये सवाल भी दिमाग में आता है कि क्या जो प्रक्रिया चुनाव के वक्त शासन-प्रशासन अपनाता है, क्या वही टीकाकरण के दौरान भी दोहराई जाएगी ? स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने भी कहा कि ऐसे क्षेत्रों में चुनाव के दौरान भी एयर एम्बुलेंस की व्यवस्था रखी जाती है. हमें वैक्सीनेशन के दौरान भी इसे उपलब्ध करवाना चाहिए.

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500 सुरक्षाकर्मी रहेंगे तैनात

16 जनवरी से देशभर में कोरोना टीकाकरण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि संभाग में 500 सुरक्षाकर्मी सुरक्षा में तैनात रहेंगे. स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि आदिवासी और दूरस्थ इलाकों में कोराना वैक्सीनेशन बड़ी चुनौती होगी. सिंहदेव ने कहा था कि सुदूर आदिवासी क्षेत्र में आवागमन की असुविधा है, उन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है.

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ड्राई रन के वक्त हुई दिक्कत

स्वास्थ्य मंत्री ने ये भी माना कि ड्राई रन के समय सुकमा और कोंटा में कनेक्टिविटी को लेकर असुविधा हुई है. सिंहदेव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को भी इस संबंध में जानकारी दी है. सिंहदेव ने कहा कि नक्सल प्रभावित इलाकों में वैक्सीन पहुंचाना, उसे फ्रीजर में रखने की तैयारियां की गई हैं. जहां बिजली, पुल-पुलिया नहीं हैं और जहां पैदल जाते हैं, वहां की व्यवस्थाएं कठिन हैं.

'आम लोगों को जब टीका लगाएंगे, तब होगी दिक्कत'

स्वास्थ्य मंत्री ने ये भी कहा कि पहले चरण में ये दिक्कत नहीं होगी, क्योंकि पहले चरण में हेल्थ वर्कर्स को टीका लगेगा. लेकिन बाद में दिक्कत आ सकती है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जब आम लोगों को टीका लगेगा, तब अनुभव के आधार पर देखना पड़ेगा. स्वास्थ्य मंत्री ने ये भी कहा कि अभी तक स्वास्थ्य क्षेत्र के कार्यों के लिए सुरक्षाकर्मी नहीं लगाए गए, ऐसी चुनौती सुनने में नहीं आई है. नक्सल क्षेत्रों में अस्पताल हैं, स्वास्थ्यकर्मी हैं, लेकिन कभी दिक्कत नहीं हुई.

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दूरस्थ क्षेत्र शासन और प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती

हमने बस्तर संभाग के स्वास्थ्य अधिकारियों से बात की, तो कांकेर के मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि जिले के कई गांव दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में बसते हैं. कई गांव घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में आते हैं, लिहाजा स्वास्थ्य अमले के लिए टीकाकरण चुनौतीपूर्ण रहेगा. कोंडागांव के भी स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा के साथ कोरोना का टीका लगाया जाएगा.

सुरक्षा के साए में लगेगा कोरोना का टीका

बीजापुर के बीएमओ ने बताया कि सुरक्षा के साथ कोरोना वैक्सीनेशन का ड्राई रन हुआ है. हर गांव और धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों तक कोरोना टीका पहुंचेगा. नारायणपुर जिले में कुल 11 वैक्सीनेशन केंद्र बनाए जाएंगे. नारायणपुर विकासखंड के अंतर्गत 7 केंद्र और नक्सल प्रभावित ओरछा ब्लॉक में 4 वैक्सीनेशन केंद्र बनाया जाएगा. पहले चरण में एक सेंटर में 5 कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है, जिसमें से 1 सुरक्षाकर्मी और 4 स्वास्थ्यकर्मी होंगे.

जारी है तैयारियां

बस्तर जिले में कुल 57 सेंटर पर टीकाकरण का काम होगा. हर एक सेंटर में 2 एएनएम, 2 पुरुष स्वास्थ्यकर्मी, एक डाटा एंट्री ऑपरेटर, एक सुरक्षाकर्मी की होगी तैनाती. कुल 285 स्वास्थ्यकर्मी तैनात होंगे. दंतेवाड़ा जिले में कुल 14 सेंटर बनाए गए हैं. 200 हेल्थ वर्कर्स और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की ड्यूटी लगी है. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लिए 108 और 100 की सेवाएं भी ली जाएंगी. कोंडागांव जिले में कुल 20 सेंटर होंगे. जहां 125 हेल्थ वर्कर तैनात होंगे. हर सेंटर पर 1 रिजर्व टीम होगी. यहां महिला स्टाफ की स्ख्या 100 से ज्यादा हो सकती है.

Last Updated : Jan 11, 2021, 1:36 PM IST

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