रायपुर:लॉकडाउन के दौरान मजदूरों की मदद के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने बड़ी-बड़ी योजनाएं शुरू की गई हैं, जिसका दोनों ही सरकार जोर-शोर से प्रचार-प्रसार कर रही हैं. सरकार का दावा है कि मजदूर घर बैठे ऑनलाइन अपने घरों पर जाने के लिए आवेदन कर सकते हैं. जिसके बाद सरकार उन्हें ट्रेन और बसों के माध्यम से उनके गंतव्य तक पहुंचाएगी. मजदूरों के खाने-पीने और रहने की व्यवस्था भी सरकारी खर्च से की जाएगी, लेकिन इन योजनाओं के शुरू करने के बाद सरकार शायद यह देखना भूल गई कि इसका क्रियान्वयन हो भी रहा है या नहीं.
तमाम योजनाओं के बाद भी मजदूर बिना बस, ट्रेन के एक राज्य से दूसरे राज्य पैदल सफर करने को मजबूर हैं. मुंबई से ओडिशा के लिए रवाना हुए यह 12 मजदूर अपनी तकलीफ बयां कर रहे हैं. ये मजदूर मुंबई से ओडिशा के लिए पैदल ही रवाना हुए. इस दौरान उन्होंने बीच में कभी बस तो कभी ट्रक वालों से मदद ली. जहां इन्हें मदद नहीं मिली, वहां ये सभी पैदल ही पीठ पर बड़े-बड़े बैग लाद कर अपने घर की ओर चल पड़े. ऐसा नहीं है कि, सड़कों पर चल रहे इन मजदूरों पर शासन और प्रशासन के नुमाइंदों की नजर नहीं पड़ी हो. उनकी नजरों के सामने यह श्रमिक कदम ताल करते हुए एक के पीछे एक लाइन से सड़कों पर कई किलोमीटर तक पैदल चलते रहे.
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