रायपुर: लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा मध्याह्न भोजन के संदर्भ में जारी गाइडलाइन में बदलाव ने समितियों और महिला स्व-सहायता समूहों का बजट बिगाड़ दिया है. सरकार द्वारा निर्धारित मेन्यू के मुताबिक प्राथमिक कक्षा के छात्रों को 10 ग्राम और मिडिल कक्षा के छात्रों को 15 ग्राम सोयाबड़ी प्रतिदिन दी जानी है. कोविड-19 के चलते जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि मध्याह्न भोजन के तहत छात्रों को दी जाने वाली सोयाबड़ी की खरीदी अनिवार्य रूप से बीज निगम से ही करनी होगी.
आदेश जारी होने के बाद से मध्याह्न भोजन का बजट गड़बड़ा गया है. आदेश में कहा गया है कि सोयाबड़ी की गुणवत्ता और मात्रा सुनिश्चित करने के लिए यह फैसला लिया गया है. बच्चों को उच्च गुणवत्तायुक्त सोयाबड़ी का ही वितरण करने कहा गया है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कुछ समितियों द्वारा सोयाबड़ी की खरीदी और मात्रा में हेरफेर किए जाने की शिकायतें भी मिल रही थी. इस कारण भी यह फैसला लिया गया है, लेकिन पूर्व निर्धारित बजट में ही महंगे दामों पर सोयाबड़ी लिए जाने के कारण मध्याह्न भोजन तैयार करने वालों में खासी नाराजगी है. वे बजट बढ़ाने और आदेश वापस लेने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि वे अधिक नुकसान उठाकर छात्रों को भोजन वितरित नहीं कर सकते हैं.