रायपुर: छत्तीसगढ़ में मनरेगा कर्मचारियों की हड़ताल जारी है. रायपुर में मनरेगा कर्मचारियों की हड़ताल के 65 दिन हो गए हैं. मंगलवार को मनरेगा कर्मियों ने धरनास्थल पर प्रतीकात्मक तौर पर शव यात्रा निकाली और विलाप कर विरोध प्रदर्शन किया. मनरेगा कर्मचारियों ने यहां प्रतीकात्मक तौर पर शव रखकर विरोध प्रदर्शन किया. बीते दिनों मनरेगा कर्मचारियों ने संविदा कर्मी का पुतला बनाकर उसे आत्हत्या करते हुए दिखाया था. मंगलवार को प्रतीकात्मक तौर पर पुतला को शव की तरह रखकर मनरेगा कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया. मनरेगा कर्मचारी प्रतीकात्मक रूप से यह दिखाना चाहते हैं कि संविदा में नौकरी करना आत्महत्या करने के जैसा है.
मनरेगा परियोजना अधिकारी की बर्खास्तगी का विरोध:छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर अग्निवंशी ने कहा कि बीते साल 3000 मनरेगा साथियों की बर्खास्तगी की गई है. संविदा अधिनियम काला कानून हैं. इस काला कानून का उपयोग करते हुए मनरेगा आयुक्त ने एक झटके में 2 जून को 21 सहायक परियोजना अधिकारियों की सेवा समाप्ति की. सेवा समाप्ति करने के पूर्व एक बार भी नहीं सोचा गया कि ये वहीं 21 कर्मचारी हैं जिन्होंने छत्तीसगढ़ को विगत वर्षों में 31 राष्ट्रीय अवॉर्ड दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. क्रूरता पूर्वक कलम चलाते हुए अधिकारियों ने एक बार भी नहीं सोचा कि 10-15 वर्षों से जो कर्मचारी जी जान लगाकर काम करते हैं. सेवा समाप्ति के बाद उनके परिवार की स्थिति कैसी होगी.
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सहायक परियोजना अधिकारी की बर्खास्तगी से मनरेगा कर्मियों में गुस्सा:कांग्रेस सरकार ने अपने जन घोषणा पत्र में यह वादा किया था कि समस्त संविदा कर्मचारियों की नियमितीकरण एवं किसी भी संविदा कर्मचारी की छटनी नहीं की जाएगी. यह वादा सरकार ने किया था. लेकिन एक ही झटके में सरकार ने 21 सहायक परियोजना अधिकारियों की सेवा समाप्त करने के आदेश भी जारी कर दिया. जिसके बाद से मनरेगा कर्मचारियों में सरकार के खिलाफ जमकर आक्रोश और नाराजगी भी देखने को मिल रही है.