रायपुर: लॉकडाउन का पर्यावरण की सेहत पर साकारात्मक प्रभाव देखने को मिला है. कोरोना काल में हुए लॉकडाउन से प्रदूषण में कमी देखने को मिली है. साल 2020 का अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण दिवस जैव विविधता के थीम पर मनाया गया. छत्तीसगढ़ के जंगल और जलवायु विभिन्न प्रकार के जीव-जंतुओं का स्थाई आवास रहा है. खास-तौर पर अचानकमार का जंगल अपने जैव विविधता के लिए वन प्रेमियों के बीच खासा लोकप्रिय है. इस विषय पर ETV भारत को छत्तीसगढ़ के घनघोर जंगल भोरमदेव की वादियों में जीवन बिता रहे पर्यावरण विद सनी उपाध्याय ने संदेश दिया है. उन्होंने जंगल के कुछ मनमोहक तस्वीरें भी हमसे साझा की हैं.
बता दें पूरी दुनिया के जंगलों में घूमने के बाद कई भाषाओं के जानकार सनी उपाध्याय आज भोरमदेव के जंगल में बैगा आदिवासियों के बीच जीवन का लुत्फ उठा रहे हैं. साथ ही जंगल में वॉटर बॉडी रिचार्ज के साथ ही जीव-जन्तुओं के संरक्षण में अपना योगदान दे रहे हैं. संदेश में उन्होंने अपील की है कि पर्यावरण को बचाने की जिम्मेदारी हम सब की है. हम सभी को मिलकर इस ओर प्रयास करना होगा.