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लॉकडाउन की यादें : आज भी याद कर सिहर उठते हैं लोग - लॉकडाउन 2020 की यादें

24 मार्च 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में 21 दिनों के लिए संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की थी. संपूर्ण लॉकडाउन को 2 साल पूरे हो गए हैं. 2 सालों में लोगों के जीवन में बहुत बदलाव आया है. आइये जानते हैं लोगों का क्या कहना है....

memories of lockdown
लॉकडाउन की यादें

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Published : Mar 24, 2022, 4:01 PM IST

Updated : Mar 24, 2022, 8:00 PM IST

रायपुर :लॉकडाउन की यादें आज भी लोगों के जेहन में ताजा हैं. गोल बाजार मर्चेंट एसोसिएशन अध्यक्ष सतीश जैन ने बताया कि पहले और आज के समय में बहुत अंतर आ गया है. आज हम स्वतंत्र घूम रहे हैं लेकिन कोरोनाकाल में सैनिटाइजेशन से लेकर मास्क का इस्तेमाल किया. वह दिन हमेशा लोगों को याद रहेगा. पैसा ही सब कुछ नहीं होता.

कोरोना महामारी का दुष्परिणाम लोगों को भुगतना पड़ा है. उन दिनों लोग आपस में भी नहीं मिलते थे. लोगों के लिए परिवार ही सबसे महत्वपूर्ण था. खाने-पीने की चीजों को एडजस्ट कर काम चलाया गया. लोग सुख-दुख में भी एक दूसरे का हाल नहीं जान पा रहे थे. बहुत से लोगों का आर्थिक रूप से नुकसान भी हुआ.

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मनोज कुमार धीवर ने बताया कि ''2 साल में लोगों के जीवन में बहुत बदलाव आ गया है. पहले लोगों की रोजी-रोटी प्रभावित रही लेकिन आज के समय में महंगाई ने भी लोगों की समस्या बढ़ा दी है. आज के समय में घर चलाना भी मुश्किल हो गया है. जब पूरा परिवार मिलकर काम करेगा तब जाकर अच्छे से परिवार चल पाएगा. उस समय से आम लोग जो प्रभावित हुए हैं तो आज तक उबर नहीं पाए हैं. आम आदमी का जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है.''

यादों में देशबंदी

रायपुर सराफा एसोसिएशन अध्यक्ष हरखचन्द मालू का कहना है कि ''विषम परिस्थितियों में व्यापारियों ने अपना व्यापार किया. कोरोना का प्रभाव सभी क्षेत्रों में पड़ा. सराफा व्यापार में भी इसका असर दिखा. दो साल बाद चीजें सामान्य हो रही हैं. सोना-चांदी के भी भाव स्थिर हैं. इसका पूरा फायदा सराफा व्यापारियों को मिल रहा है. लॉकडाउन के समय को याद किया जाए तो वह एक भयावह स्थिति थी. पूरा परिवार डर गया था. उस दौरान तन-मन-धन सभी का नुकसान हुआ.''

अवंति विहार व्यापारी संघ महामंत्री किशोर चन्द्र नायक का कहना है कि ''कई परिवारों ने अपनों को खोया. आज भी लोगों की आंखों में आंसू आ जाते हैं. उस दौरान शासन-प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के लोगों ने अच्छा काम किया. केंद्र सरकार ने भी लोगों का वैक्सीनेशन कराया. आज लोग बेफिक्र होकर सांस ले रहे हैं. उस दौरान लोग अपने परिवार के सदस्यों का अंतिम संस्कार तक नहीं कर पाए. लॉकडाउन के दौरान लोगों ने घर के टैक्स पटाए, दुकानों का किराया पटाया, बिजली बिल पटाया. व्यापारियों को कई परेशानियां झेलनी पड़ी. सैकड़ों लोगों का रोजगार छिन गया. कई लोगों ने अपनी दुकानें बंद कर दीं. अब जीवन फिर से पटरी पर लौट गया है, लेकिन अब भी लापरवाही करना खतरे से खाली नहीं है.''

Last Updated : Mar 24, 2022, 8:00 PM IST

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