रायपुर: छत्तीसगढ़ नागरिक अधिकार समिति ने चिटफंड निवेशकों के जल्द भुगतान की मांग को लेकर राज्यपाल अनुसुइया उइके के नाम पर उनके सचिव आरपी पांडे को ज्ञापन सौंपा है. इस ज्ञापन पर खून से हस्ताक्षर किया गया. ज्ञापन में मांग की गई है कि प्रदेश के 20 लाख निवेशकों के अनुमानित 50 हजार करोड़ रुपए की राशि का शीघ्र भुगतान किया जाए. 7 सूत्रीय ज्ञापन में यह भी मांग की गई है कि रकम वापसी के लिए ठोस कदम उठाए जाएं. इसके लिए निश्चत समय तक कार्ययोजना पेश करें, साथ ही फरार चल रहे संचालकों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए.
7 सूत्रीय ज्ञापन में भुगतान के लिए प्रदेश सरकार से विशेष कोष गठन की मांग भी की गई है, ताकि देनदारी की तुलना में कम सम्पत्ति वाली कंपनियों के निवेशकों का पूर्ण भुगतान सुनिश्चित किया जा सके. ज्ञापन में यह भी मांग की गई है कि भविष्य में इस तरह के फर्जीवाड़े को रोकने के लिए वर्तमान में कार्यरत कंपनियों को कड़ी जांच के दायरे में रखा जाये. वर्तमान में रायपुर सहित सभी प्रमुख जिलों में कार्यरत विशेष न्यायालयों में जारी सुनवाई की प्रक्रिया को तेज किया जाए. छत्तीसगढ़ नागरिक अधिकार समिति के अध्यक्ष शुभम साहू ने जानकारी दी कि सारे मुद्दों को राजभवन के सचिव स्तर के अधिकारी आरपी पांडे ने ध्यान से सुना और आवश्यक कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है.
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उग्र आंदोलन की चेतावनी
प्रतिनिधिमंडल में शुभम साहू, हेमलाल पटेल, मोहन तम्बोली, लोचन साहू, कामता साहू, विजय यादव, मनीष पटेल, रमेश निषाद, गोपी निषाद, दुर्गेश साहू शामिल थे. छत्तीसगढ़ नागरिक अधिकार समिति ने कोरोना संक्रमण के दौर में निवेशकों के शीघ्र भुगतान पर जोर देते हुए कहा है कि इससे ठगी के शिकार हो चुके लोगों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी. समिति ने इस मुद्दे पर सरकार की टालमटोल नीति को अब और ज्यादा बर्दाश्त न करते हुए उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.