रायपुर: खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने सोमवार को महानदी भवन में खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 के लिए धान उपार्जन और कस्टम मिलिंग नीति की समीक्षा बैठक ली. मंत्री मंडलीय उपसमिति की बैठक में प्रदेश के पंजीकृत किसानों से प्रति एकड़ 15 क्विंटल के हिसाब से पूरा धान खरीदने के लिए जरूरत पड़ने पर चौथा टोकन जारी करने का निर्णय लिया गया.
समिति ने प्रदेश के उपार्जन केंद्रों में समितियों की क्षमता के मुताबिक ज्यादा से ज्यादा धान खरीदने का फैसला लिया. प्रदेश में धान के सुरक्षित भंडारण के लिए संग्रहण केंद्र खोले गए हैं. समिति ने जरूरत के मुताबिक और संग्रहण केंद्र खोलने और कस्टम मिलिंग की गति को और बढ़ाने का फैसला भी लिया.
केंद्रों से धान उठाव शुरू
बैठक में खाद्य विभाग के सचिव कमलप्रीत सिंह ने बताया कि प्रदेश में अब तक 39 लाख टन धान किसानों से खरीदा गया है. इनमें से 18 लाख 60 हजार टन धान का उठाव खरीदी केंद्रों से हो चुका है. पंजीकृत मिलरों को 20 लाख 58 हजार टन धान के उठाव के लिए डीओ जारी किया जा चुका है. मिलरों की ओर से 4 लाख 81 हजार टन चावल जमा किया जा चुका है. उपार्जन केन्द्रों से धान का कस्टम मिलिंग लगातार जारी है. प्रदेश में कोचियों और बिचौलियों की ओर से अन्य राज्यों से धान लाकर खरीदी केंद्रों में खपाने वालों पर कार्रवाई भी की जा रही है.
बैठक की अध्यक्षता खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने की. कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम और वन मंत्री मोहम्मद अकबर मौजूद रहे.