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'मीसाबंदी कोई स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नहीं, जो उन्हें पेंशन मिले' - raipur news

छत्तीसगढ़ की पिछली बीजेपी सरकार ने 1975-77 के आपातकाल के दौरान आंतरिक सुरक्षा अधिनियम (MISA) के तहत जेल गए लोगों को मासिक पेंशन योजना शुरू की थी. योजना के तहत 'लोकनायक जयप्रकाश नारायण सम्मान निधि' निरस्त कर दी गई है.

मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़
भूपेश बघेल

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Published : Jan 24, 2020, 5:53 PM IST

रायपुर:छत्तीसगढ़ की पिछली बीजेपी सरकार ने 1975-77 के आपातकाल के दौरान आंतरिक सुरक्षा अधिनियम (MISA) के तहत जेल गए लोगों को मासिक पेंशन योजना शुरू की थी. योजना के तहत 'लोकनायक जयप्रकाश नारायण सम्मान निधि' निरस्त कर दी गई है.

'मीसाबंदी कोई स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नहीं, जो उन्हें पेंशन मिले'

इस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि 'आंतरिक सुरक्षा अधिनियम (MISA) के तहत जेल में बंद स्वतंत्रता सेनानी नहीं थे, इसलिए उन्हें पेंशन नहीं दी जाएगी'.
छत्तीसगढ़ सरकार ने मीसाबंदी पेंशन स्कीम 2008 को निरस्त कर दिया है. इसे लेकर राज्य सरकार ने नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है.

लगभग 300 मीसाबंदी होंगे प्रभावित
इस फैसले से राज्य के लगभग 300 मीसाबंदी प्रभावित होंगे. बता दें कि पेंशन स्कीम पर राज्य सरकार ने महाधिवक्ता से राय मांगी थी, जिसके बाद महाधिवक्ता ने सलाह को बंद लिफाफे में सरकार को सौंपा था. इसके बाद भी राज्य सरकार ने फैसला लेते हुए पेंशन स्कीम को निरस्त कर दिया है.

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