रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरुवार को 'दाई-दीदी क्लीनिक' की शुरुआत की है. इस पायलट प्रोजेक्ट को रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग-भिलाई में चलाया. ETV भारत की टीम ने मोबाइल मेडिकल यूनिट में काम कर रही महिला स्वास्थ्यकर्मियों से बातचीत की. साथ ही मोबाइल मेडिकल यूनिट के बारे में जानकारी ली.
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मोबाइल मेडिकल यूनिट में काम कर रही स्वास्थ्यकर्मियों ने बताया कि इस क्लीनिक में खास बात यह है कि केवल महिलाओं के लिए है. जहां महिला स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा आने वाली महिलाओं का इलाज किया जाएगा. सबसे पहले आने वाली महिलाओं का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा. रजिस्ट्रेशन करने के बाद उनका ब्लड प्रेशर, टेंपरेचर, ऑफ पल्स रेट लेने के बाद उन्हें डॉक्टर के पास भेजा जाएगा.
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मोबाइल यूनिट से दी जाएगी दवाइयां
स्वास्थ्यकर्मियों ने बताया कि डॉक्टर चेकअप करेंगे. चेकअप के बाद डॉक्टर अगर जांच के लिए लिखते हैं, तो मोबाइल यूनिट के अंदर बने पैथलैब में जांच की जाएगी.
डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवाइयों को दिया जाएगा. मोबाइल यूनिट के अंतर्गत बनी फार्मेसी से दवाइयां दी जाएंगी.
फीडबैक की भी व्यवस्था
दाई-दीदी क्लीनिक मोबाइल मेडिकल यूनिट में इलाज कराने के बाद जाने से पहले फीडबैक की व्यवस्था रखी गई है. इलाज कराने वाले मरीजों से फीडबैक लेने के लिए 3 बजर लगाए गए हैं, जिसमें ग्रीन, येलो और रेड बजर लगाए गए हैं.
- ग्रीन बजर का मतलब एक्सीलेंट
- येल्लो बजर का मतलब गुड
- रेड बजर का मतलब सुधार करने की जरूरत
दाई-दीदी क्लीनिक की डॉक्टर ने बताया कि यहां सभी प्रकार की जांच की जाएगी. बस के अंदर ही 40 लैब टेस्ट की व्यवस्था है. किसी जांच की जरूरत पड़ेगी तो सैंपल लेकर उसे भेजा जाएगा. जो दवाइयों की व्यवस्था है, वह भी मोबाइल यूनिट के अंदर हैं. मरीजों को जरूरत पड़ने पर दवाइयां भी दी जाएंगी. सिकलसेल के लिए भी प्री मैरिटल काउंसलिंग की जाएगी. ब्रेस्ट कैंसर के अर्ली डिडेक्श के लिए टेस्ट करवाया जाएगा.