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पेपरलेस होगा रायपुर एम्स : एक क्लिक पर मिलेगी मरीजों की हिस्ट्री, कब-कब हुआ इलाज क्या जांच-दवा कराई - Medical records department of Raipur AIIMS will be digitized

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान का मेडिकल रिकॉर्ड (Medical records department of Raipur AIIMS will be digitized) डिपार्टमेंट जल्द ही पूरी तरह डिजिटलाइज्ड हो जाएगा. इसके बाद यहां से इलाज कराने वाले मरीजों की सारी जानकारी बस एक क्लिक पर उपलब्ध हो जाएगी.

Medical records department of Raipur AIIMS will be digitized
पेपरलेस होगा रायपुर एम्स

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Published : Mar 26, 2022, 9:54 PM IST

रायपुर : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का मेडिकल रिकॉर्ड (Medical records department of Raipur AIIMS will be digitized) डिपार्टमेंट अब पूरी तरह से डिजिटलाइज होने जा रहा है. व्यस्त शेड्यूल में एम्स में मरीजों की भर्ती से लेकर डिस्चार्ज तक का सारा रिकॉर्ड अब संभाल कर रखा जाने लगा है. इस रिकॉर्ड में डॉक्टरों द्वारा किये इलाज और जांच रिपोर्ट के साथ-साथ मेडिसिन का भी पूरा रिकॉर्ड शामिल है. इतना ही नहीं यदि एम्स में भर्ती मरीज की सर्जरी हुई तो उसका भी संपूर्ण मेडिकल ब्योरा उपलब्ध रहेगा. कम्प्यूटर पर मरीज के नाम के साथ आईपी एड्रेस डालते ही एक क्लिक पर मरीज की पूरी हिस्ट्री सामने आ जाएगी. जानकारी के मुताबिक रायपुर एम्स मोबाइल ऐप भी तैयार कर रहा है. इसके लिए सॉफ्टवेयर की तैयारी शुरू कर दी गई है.

एक लाख से अधिक मरीजों के रिकॉर्ड उपलब्ध :एम्स के एमआईडी में वर्ष 2014 से लेकर अब तक के करीब 1,25,000 मरीजों के रिकॉर्ड सहेज कर रखे गए हैं. उन्हें पूरी तरह से डिजिटलाइज किया जा रहा है, ताकि एम्स को पेपरलेस किया जा सके. इस पूरी प्रक्रिया के पूर्ण हो जाने के बाद मरीज का नाम और आईपी एड्रेस डालते उसकी पूरी हिस्ट्री पता चल जाएगी. इस हिस्ट्री से यहां तक पता चल जाएगा कि मरीज को कौन सी बीमारी थी. उन्हें कौन-कौन सी दवा दी गई. इससे न केवल एम्स मैनेजमेंट को फायदा होगा, बल्कि मरीजों को भी अपने इलाज का पूरा ज्ञान मिल सकेगा.

ऐसे मिलेगा मोबाइल ऐप से फायदा :जानकारी के मुताबिक ऐम्स एक मोबाइल ऐप भी तैयार कर रहा है. इसे तैयार होने में करीब 3 से 4 महीने लगेंगे. रायपुर में इलाज कराने आने वाले मरीजों को प्रस्तावित मोबाइल ऐप से कई फायदे होंगे. पहला यह कि, दूसरी बार एम्स जाने पर उनका पूरा रिकॉर्ड अपडेट रहेगा. बीमा क्लेम, न्यायालयीन प्रक्रिया के साथ ही दीगर कामों के लिए, जहां मेडिकल रिकॉर्ड या रिपोर्ट की जरूरत होती है वहां भी यह एप काम आएगा. क्योंकि इसमें मरीज के इलाज और बीमारी की जानकारी भी होगी.

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अभी रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर मिलती हैं कुछ रिपोर्ट :वर्तमान में एम्स में मरीजों की डायग्नोसिस रिपोर्ट रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर के माध्यम से मिल रही है. यह मोबाइल नंबर मरीजों के लिए जब ओपीडी कार्ड बनाया जाता है, उसी समय दर्ज होता है. इसके मैसेज भी रजिस्टर्ड नंबर पर पहुंचा दिये जाते हैं, ताकि मरीजों को भी तमाम जानकारियां मिल सकें.

रायपुर एम्स के डिप्टी डायरेक्टर अंशुमान गुप्ता ने बताया कि "एम्स पूरी तरह से पेपरलेस की दिशा में काम कर रहा है. यहां जितने भी फाइल हैं, सभी को स्कैन कर डिजिटलाइज किया जा रहा है. इससे एम्स में आने वाले तमाम मरीजों की जानकारी मिल जाएगी. इतना ही नहीं बल्कि उनकी मेडिकल रिपोर्ट की भी पूरी हिस्ट्री उनके नाम और आईपी ऐड्रेस डालते ही मिल जाएगी. यह एम्स द्वारा उठाया गया एक बेहतर कदम है. उम्मीद की जा रही है कि इससे न केवल मरीजों को फायदा होगा, बल्कि एम्स मैनेजमेंट को भी इसका लाभ मिलेगा."

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