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माता कौशल्या की जन्मभूमि चंदखुरी में जल्द होगा भव्य मंदिर का निर्माण- सीएम भूपेश बघेल

छत्तीसगढ़ के चंदखुरी में जल्द ही माता कौशल्या का भव्य मंदिर निर्माण होने वाला है. राम वन गमन पथ के तहत इस मंदिर को विकसीत किया जा रहा है. सीएम भूपेश बघेल ने बताया कि अगस्त के तीसरे हफ्ते मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा.

cm bhupesh baghel in kaushalya temple
सीएम भूपेश बघेल ने किए माता के दर्शन

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Published : Jul 29, 2020, 4:52 PM IST

Updated : Jul 29, 2020, 6:33 PM IST

रायपुर: राजधानी के करीब कौशल्या की जन्मभूमि चंदखुरी में जल्द ही भव्य मंदिर का निर्माण होगा. बुधवार को सीएम भूपेश बघेल अपने पूरे परिवार के साथ माता कौशल्या के प्राचीन मंदिर में दर्शन करने पहुंचे थे. सीएम ने मंदिर में पूजा अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली और समृद्धि की कामना की. इस दौरान सीएम ने बताया कि अगस्त के तीसरे हफ्ते से मंदिर निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.

जल्द होगा भव्य कौश्लाय माता मंदिर का निर्माण

सीएम भूपेश बघेल ने मंदिर के सौन्दर्यीकरण और परिसर के विकास के लिए तैयार परियोजना की विस्तृत जानकारी ली. मुख्यमंत्री ने कहा कि मंदिर के सौन्दर्यीकरण के दौरान मंदिर के मूलस्वरूप को यथावत रखते हुए यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधाओं का विशेष रूप से ध्यान रखा जाए.

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार राम वन गमन पथ पर पड़ने वाले महत्वपूर्ण स्थलों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर रही है. इसकी शुरूआत चंदखुरी स्थित माता कौशल्या के मंदिर के सौंदर्यीकरण कार्य के बीते 22 दिसंबर को भूमि-पूजन के साथ कर दी गई है. भव्य मंदिर की निर्माण की कार्ययोजना में परिसर में विद्युतीकरण, तालाब का सौंदर्यीकरण, घाट निर्माण, पार्किंग, परिक्रमा पथ का विकास आदि कार्य शामिल किए गए हैं.

मंदिर का मॉडल

अगस्त के तीसरे हफ्ते शुरू होगा निर्माण
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि 'छत्तीसगढ़ भगवान राम का ननिहाल है. यहां कण-कण में भगवान राम बसे हुए हैं. भगवान राम ने वनवास का बहुत सा समय यहां व्यतीत किया है. छत्तीसगढ़ सरकार भगवान राम के वन गमन मार्ग को पर्यटन परिपथ के रूप में विकसित कर रही है ताकि इन स्थलों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति मिल सके. बघेल ने कहा कि चंदखुरी में 15 करोड़ की लागत से सौन्दर्यीकरण का कार्य कराया जाएग. उन्होंने इस अवसर पर यहां तालाब के बीच से होकर गुजरने वाले पुल की मजबूती के साथ ही यहां परिक्रमा पथ, सर्वसुविधायुक्त धर्मशाला और शौचालय बनाने कहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सौन्दर्यीकरण कार्य का भूमिपूजन हो गया है. यहां अगस्त के तीसरे सप्ताह से निर्माण कार्य प्रारंभ हो जाएगा.'

सीएम ने पत्नी के साथ किया पौधारोपण
सीएम ने अपनी पत्नी के साथ किया वृक्षारोपणमुख्यमंत्री ने इस अवसर पर ग्रामीणों की मांग पर मंदिर के पास से बायपास सड़क की स्वीकृति प्रदान करते हुए आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए. वहीं ग्रामवासियों की सहुलियत को देखते हुए चंदखुरी में राष्ट्रीयकृत बैंक की शाखा खोलने के निर्देश भी जिलाअधिकारियों को दिए गए हैं. बघेल ने इस अवसर पर मंदिर परिसर पर बेल और उनकी धर्मपत्नी ने महुआ का पौधा भी रोपा. इसके साथ ही परिसर में आवंला, पीपल, अमरूद और करंज आदि के पौधे भी लगाए गए. मुख्यमंत्री ने इन रौपे गए पौधों पर सेरीखेड़ी महिला समूह द्वारा बांस से बनाए जा रहे ट्री-गार्डों का लगवाया. मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर ग्रामीणों से गौठान और गोधन न्याय योजना सहित गांव में उपलब्ध अन्य सुविधाओं की चर्चा की. इस अवसर पर नगरीय प्रशासन मंत्री शिव कुमार डहरिया, जनपद पंचायत आरंग के अध्यक्ष खिलेश देवांगन, ग्राम पंचायत चंदखुरी की सरपंच मती मालती धीवर और कौशल्या माता समिति के अध्यक्ष देवेन्द्र वर्मा और ग्रामीणजन उपस्थित थेय
जल्द होगा भव्य मंदिर का निर्माण
प्रभु राम ने इन स्थानों में किया था भ्रमणगौरतलब है कि त्रेतायुगीन छत्तीसगढ़ का प्राचीन नाम दक्षिण कौशल और दण्डकारण्य के रूप में विख्यात था. प्रभु राम ने उत्तर भारत से छत्तीसगढ़ में प्रवेश के बाद विभिन्न स्थानों पर चौमासा व्यतीत करते हुए दक्षिण भारत में प्रवेश किया था. छत्तीसगढ़ में कोरिया जिले की गवाई नदी से होकर सीतामढ़ी हरचौका नामक स्थान से प्रभु राम ने छत्तीसगढ़ में प्रवेश किया था. इस दौरान उन्होंने 75 स्थलों का भ्रमण करते हुए सुकमा जिले के रामाराम से दक्षिण भारत में प्रवेश किया था. इन स्थलों में से 51 स्थल ऐसे हैं, जहां प्रभु राम ने भ्रमण के दौरान रुक कर कुछ समय व्यतीत किया था. प्रथम चरण में इनमें से 9 स्थलों को विकसित किया जाएगा. छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राम वन गमन पथ का, पर्यटन की दृष्टि से विकास की योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य राज्य में आने वाले पर्यटकों, आगन्तुकों के साथ-साथ देश और राज्य के लोगों को भी राम वन गमन मार्ग और स्थलों से परिचित कराना एवं इन ऐतिहासिक स्थलों के भ्रमण के दौरान पर्यटकों को उच्च स्तर की सुविधाएं भी उपलब्ध कराना है.
Last Updated : Jul 29, 2020, 6:33 PM IST

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