छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

Margashirsha Som Pradosh Vrat: भगवान शिव को समर्पित होता है प्रदोष व्रत

Margashirsha Som Pradosh Vrat प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है. हिंदी माह के दोनों पक्षों में त्रयोदशी की तिथि आती है. ज्योतिष मान्यताओं के हिसाब से प्रदोष व्रत महादेव को प्रसन्न करने और जल्द फल प्राप्ति के लिए रखा जाता है. इस दिन व्रत रखकर भगवान शिव की भक्ती करता है शिव उसकी सारी पीड़ा हर लेते हैं.

som pradodosh vrat
सोम प्रदोष व्रत

By

Published : Dec 1, 2022, 11:03 PM IST

रायपुर: Margashirsha Som Pradosh Vrat हिंदी माह के दोनों पक्षों में त्रयोदशी तिथि आती है. मान्यता के अनुसार इस दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है. यह व्रत भगवान शिव का माना जाता है. इस बार 5 दिसंबर को मार्गशीर्ष माह के दिन शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि सोमवार को है. ज्योतिष मान्यताओं के हिसाब से प्रदोष व्रत महादेव को प्रसन्न करने और जल्द फल प्राप्ति के लिए रखा जाता है. ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति इस दिन व्रत रखकर भगवान शिव की भक्ती करता है शिव उसकी सारी पीड़ा हर लेते हैं.

प्रदोष व्रत का मुहूर्त:

हिंदी पंचांग के मुताबिक मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 5 दिसंबर 2022 को सुबह 05 बजकर 57 मिनट से शुरू होगी. जबकि अगले दिन 06 दिसंबर 2022 को सुबह 06 बजकर 47 मिनट पर यह समाप्त होगा.

प्रदोष व्रत में शिव पूजा का मुहूर्त:

प्रदोष व्रत के पूजा का शुभ मुहूर्त 5 दिसंबर को शाम 05 बजकर 33 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 15 मिनट तक रहगा.

भगवान शिव को समर्पित है प्रदोष व्रत:

पूरी सृष्टी में केवल भगवान शिव ही ऐसे देवता हैं जिनकी पूजा देवी-देवता, असुर, ऋषि, दैत्य सभी करते हैं. सच्चे मन से भगवान शिव की भक्ति करने से फल की प्राप्ती जरूर होती है.

यह भी पढ़ें: युवा महोत्सव में प्रतिभाओं ने बिखेरा जलवा, लोक कलाकार और खिलाड़ियों ने बांधा समा

सोम प्रदोष के दिन ऐसे करें पूजा:

सोम प्रदोष के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें. जिसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती का चित्र या फिर मूर्ति सम्मानपूर्वक स्थापित कर लें. जिसके बाद षोडशोपचार पूजा करें. जिसके बाद शाम के समय फर से मुहूर्त पर पूजा करें. फिर गाय के गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद आदि से शिवलिंग का अभिषेक करें. जिसके बाद भगवान के शिवलिंग पर सफेद चंदन लगाकर बेलपत्र, मदार, पुष्प, भांग, आदि अर्पित करें. फिर अंत में विधि पूर्वक पूजन और आरती करें.

ABOUT THE AUTHOR

...view details