रायपुर:छत्तीसगढ़ में फर्जी दस्तावेज के आधार पर कई शासकीय विभागों में सैकड़ों अधिकारी और कर्मचारी पिछले कई सालों से नौकरी करते आ रहे हैं. ऐसा नहीं है कि इन अधिकारियों-कर्मचारियों को नौकरी से निकालने और इनके खिलाफ कार्रवाई करने सरकार ने निर्देश नहीं दिए हैं. सरकार के बार-बार निर्देश के बावजूद विभिन्न विभागों में उच्च पद पर बैठे अधिकारी इन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी करने वाले अधिकारी और कर्मचारियों पर मेहरबान है. यही वजह है कि सरकार के आदेश को धता बताते हुए फर्जी दस्तावेजों के जरिए नौकरी पाने वाले अधिकारी-कर्मचारी पिछले कई सालों से काम करते आ रहे हैं.
आदिम जाति और अनुसूचित जाति विकास विभाग के उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रहे ढाई सौ अधिकारी कर्मचारियों को चिन्हित किया है. विभाग से मिले दस्तावेजों की आकंड़ों पर नजर डाले तो साल 2001 में 1, 2002 में 4, 2004 में 2, 2005 में 10, 2006 में 5, 2007 से 21, 2008 से 8, 2009 से 6 और 2010 में 6 मामले सामने आए है. साल 2011 से लेकर साल 2020 तक 186 प्रकरण फर्जी है.
758 प्रकरणों की शिकायत
नवंबर 2020 में मिली जानकारी के मुताबिक उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण, छानबीन समिति रायपुर को साल 2000 से लेकर 2020 तक फर्जी जाति प्रमाणपत्र की कुल 758 शिकायतें मिली. जांच के बाद इनमें से 267 प्रकरणों में जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं. जिसे संबंधित विभागों को कार्रवाई के लिए भेजा गया है.
इन विभागों के कर्मचारियों के जाति प्रमाणपत्र मिले फर्जी
स्कूल शिक्षा विभाग | 44 |
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग | 15 |
सामान्य प्रशासन विभाग | 14 |
जल संसाधन विभाग | 14 |
कृषि विभाग | 14 |
ग्रामोद्योग विभाग | 12 |
आदिमजाति और अनुसूचित जाति विभाग | 8 |
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग | 8 |
राजस्व विभाग | 7 |
गृह विभाग | 7 |
उर्जा विभाग | 7 |
पशुधन विभाग व मछलीपालन विभाग | 6 |
नगरीय प्रशासन विभाग | 5 |
वन विभाग | 5 |
महिला एवं बाल विकास विभाग | 4 |
वाणिज्य एवं उद्योग विभाग | 4 |
सहकारिता विभाग | 3 |
उच्च शिक्षा विभाग | 3 |
लोक निर्माण विभाग | 2 |
योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग | 2 |
कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग | 5 |
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग | 9 |
इन विभागों में एक-एक प्रकरण :
वाणिज्यकर विभाग | 1 |
खेल एवं युवा कल्याण विभाग | 1 |
समाज कल्याण विभाग | 1 |
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय | 1 |
जनसम्पर्क विभाग | 1 |
आवास एवं पर्यावरण विभाग | 1 |
कुछ को किया जा चुका है नौकरी से पृथक
इनमें से संबंधित विभागों की तरफ से कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों को पहले ही नौकरी से पृथक कर दिया गया है. जिनकी संख्या नाम मात्र की है. आज भी लगभग ढाई सौ से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारी फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पर बने हुए हैं.
यह है प्रमुख नाम
इनमें प्रमोटेड IAS अपार आयुक्त रायपुर आनंद मसीह, अनुराग लाल, संयुक्त कलेक्टर शंकर लाल डगला और उनके बेटे सुरेश कुमार डगला, संयुक्त आयुक्त भुवाल सिंह, SDM सुनील मैत्री, उपायुक्त सीएस कोट्रीवार, ऑडिटर रामाश्रय सिंह, असिस्टेंट सर्जन डॉ. आर के सिंह, संयुक्त संचालक क्रिस्टीना सी एस लाल, CEO राधेश्याम मेहरा, सहित ढाई सौ अधिकारियों-कर्मचारियों की जाति प्रमाण पत्र फर्जी सिद्ध भी हो चुकी हैं.
नौकरी से बर्खास्त करने पर दिसंबर 2020 को जारी किया गया था परिपत्र
इसके ठीक विपरीत सामान्य प्रशासन के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह की तरफ से जारी 5 दिसम्बर 2020 को जारी परिपत्र कहता हैं कि इन फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर शासन के उच्च पदों में नौकरी पाने वाले अधिकारीयों-कर्मचारीयों की सेवाओं को तत्काल खत्म करने के लिए शासन के समस्त विभाग, अध्यक्ष राजस्व मंडल बिलासपुर, समस्त संभागीय आयुक्त, विभागाध्यक्ष, जिलों के कलेक्टर्स और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत के नाम समय – समय पर पत्र जारी करते रहे हैं. बावजूद इसके इन दोषी अधिकारीयों-कर्मचारियों को बर्खास्त करने की बजाय संरक्षण देने में लगे हुए हैं.
संबंधित विभाग को तत्काल सूचित करने दिए गए थे निर्देश