Bastar Story: द केरला स्टोरी के मेकर्स छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े नक्सली हमले पर बना रहे 'बस्तर स्टोरी' - बस्तर स्टोरी बड़े घटनाक्रम से पर्दा उठाएगी
Bastar Story द केरला स्टोरी के बाद अब फिल्म के मेकर्स ने एक नए प्रोजेक्ट की घोषणा की है. द केरला स्टोरी की तरह ही बस्तर स्टोरी बड़े घटनाक्रम से पर्दा उठाएगी. यह फिल्म छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े नक्सली हमले को लेकर बनाई जा रही है, जिसने देश दुनिया को हिलाकर रख दिया था.biggest Naxalite attack of Chhattisgarh
बस्तर स्टोरी बड़े घटनाक्रम से पर्दा उठाएगी
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Published : Jun 26, 2023, 8:01 PM IST
हैदराबाद/रायपुर: दंतेवाड़ा में चिंतलनार कैंप से करीब पांच किलोमीटर दूर ताड़मेटला गांव में 6 अप्रैल 2010 को सबसे बड़ा नक्सली हमला हुआ. इसमें सीआरपीएफ के 76 जवान शहीद हुए. इस भयावह घटना को बीते 13 साल गुजर चुके हैं, लेकिन इसके जख्म अब भी हरे हैं. अब द केरला स्टोरी के मेकर्स इस भयानक हमले की सच्चाई से देश दुनिया को वाकिफ कराने जा रहे हैं. सोमवार को द केरला स्टोरी के डायरेक्टर सुदीप्तो सेन ने ट्वीट कर पोस्टर साझा करते हुए फिल्म की स्टोरी से भी पर्दा उठाया.
इसलिए चुनी बस्तर की कहानी : द केरला स्टोरी केडायरेक्टर सुदीप्तो सेन और प्रोड्यूसर विपुल अमृतलाल शाह मिलकर 'बस्तर स्टोरी' बनाएंगे. हमले में शहीद जवानों के परिवार के दर्द को उकेरते हुए फिल्म के जरिए न्याय की बात होती.
6 अप्रैल 2010. छत्तीसगढ़ के बस्तर के दंतेवाड़ा जिले के चिंतलनेर गांव में आतंकवादियों के सबसे बड़े हमले में 76 सीआरपीएफ जवान और 8 ग्रामीणों की मौत हुई. ठीक 14 साल बाद, काव्यात्मक न्याय दिया जाएगा.-सुदीप्तो सेन, डायरेक्टर, द केरला स्टोरी
नक्सलियों के झांसे में आकर फंस गए थे जवान:दंतेवाड़ा में 5 अप्रैल को चिंतलनार सीआरपीएफ कैंप से करीब 150 जवान जंगल में सर्चिंग के लिए निकले. ये जवान घने जंगल में कई किलोमीटर चलने के बाद जब वापस लौट रहे थे तभी 6 अप्रैल की सुबह करीब 6 बजे ताड़मेटला गांव के पास खुले मैदान में नक्सलियों ने घेर लिया. जंगल में पेड़ों के पीछे नक्सलियों ने मोर्चा बना रखा था, जबकि जवान खुले मैदान में नक्सलियों के बीच फंस गए. मुठभेड़ तकरीबन 8 बजे तक चली, जिसमें सीआरपीएफ के 76 जवान शहीद हुए.
जवानों पर एक हजार नक्सलियों ने किया था हमला:हमले में बचे जवानों के मुताबिक करीब 1 हजार नक्सलियों ने जवानों को घेर लिया था. नक्सलियों ने बड़ी चालाकी करते हुए ताड़मेटला और चिंतलनार के बीच सड़क पर लैंडमाइन बिछा रखी थी और बीच में पड़ने वाली छोटी छोटी पुलिया को भी धमाके से उड़ा दिया. मुठभेड़ में जवानों ने शुरुआत में नक्सलियों को अच्छा जवाब दिया और 8 बड़े नक्सलियों को मार गिराया, लेकिन पास की पहाड़ी से शुरू हुई ताबड़तोड़ गोलीबारी में जवान बुरी तरह घिर गए.
जवानों के हथियार लूट ले गए थे नक्सली:ताड़मेटला में इस हमले के बाद नक्सलियों ने जवानों के हथियार, जूते और वायरलेस सेट लूट ले गए थे. बताया जाता है कि नक्सलियों के मिलिट्री कंपनी ने इस भीषण मुठभेड़ को अंजाम दिया था, जिसकी अगुवाई कुख्यात नक्सली कमांडर मड़ावी हिड़मा करता है.