ग्वालियर। चंबल का नाम सुनते ही आपके मन में बीहड़, बागी और डकैत आते होंगे, लेकिन चंबल एक खास मिठाई के लिए भी काफी मशहूर है. यहां पर बनने वाली शाही गजक पूरे देश में ही नहीं बल्कि विश्वभर में प्रसिद्ध है. ईटीवी भारत की खास पेशकश में घर बैठे ही आपको चंबल अंचल के गजक को बनाने की रेसिपी हम बता रहे हैं.
शाही गजक को खास बनाता है अंचल का पानी. माना जाता है कि चंबल अंचल के पानी की ऐसी तासीर है, जिसने गजक को विश्व प्रसिद्ध किया है. चंबल के पानी में सबसे ज्यादा मिठास पाई जाती है. वैसे तो गजक प्रदेश के हर इलाके में बनाई जाती है, लेकिन जो स्वाद मुरैना अंचल की गजक में आता है. वह कहीं नहीं है. मकर संक्रांति पर यहां से गजक की हजारों क्विंटल बिक्री होती है.
गजक बनाने के लिए आवश्यक सामग्री : देसी शुद्ध गुड़ और तिल
गुड़ की गजक बनाने की विधि
सबसे पहले हम एक कढ़ाई में साफ तिल को धीमी आंच पर सेंकते हैं. तिल को सेंकने के दौरान यह विशेष ध्यान देना होता है कि तिल जलना नहीं चाहिए. इसलिए इसे सेंकने तक इसमें कलछी चलाते रहें. तिल को सेंकने के बाद उसे अलग रख दें. उसके बाद पानी को गर्म करते हैं और उसमें साफ गुड़ मिलाया जाता है. उसके बाद इस गुड़ की चाशनी तैयार की जाती है. 20 मिनट के बाद इस गुड़ की चाशनी को बड़ी प्लेट में ठंडा किया जाता है. चाशनी को ठंडा होने के बाद इसके लिए लेयर बना लें और उसके बाद इस लेयर को लकड़ी की सहारे खींचा जाता है. लेयर को तब तक खींचते हैं, जब तक इस चाशनी की लेयर का रंग सफेद न हो जाए और इससे ही गजक खस्ता होती है. यह विधि लगभग 20 से 25 मिनट तक की जाती है. उसके बाद इस चाशनी की लेयर को भुनी हुई तिल में मिलाते हैं और उसके बाद इसकी कुटाई करते हैं. इसकी अच्छे से लगभग 10 से 15 मिनट कुटाई की जाती है, ताकि चाशनी की लेयर और तिल पूरी तरह से मिल सके. अच्छी तरह से मिलने के बाद उसको किसी बड़े पत्थर की पाट पर बिठाया जाता है और उसके बाद फिर साइज के हिसाब से इसे काटते हैं. उसके बाद गजक बनकर तैयार हो जाती है.