रायपुर:साल2021 खत्म होने को है. ये साल अपने आप में कई इतिहास रच कर जा (Chhattisgarh crime Year ender 2021) रहा है. इस साल के शुरूआत में कोरोना महामारी से लोग त्राहि में थे. हालांकि वैक्सीनेशन के बाद लोगों को कुछ राहत जरूर मिली. इस बीच छत्तीसगढ़ में कई ऐसी घटनाएं घटी जिसे लोग चाह कर भी नहीं भूला पाएंगे. यहां के आपराधिक मामलों का आंकड़ा दिन प्रतिदिन बढ़ता ही गया. नशीली चीजों के कारोबार के साथ, दुष्कर्म, चोरी, हत्या की घटना हर दिन आम थी. हर मामला राज्य को दागदार करने को काफी था. कुछ ऐसी भी घटनाएं घटी(Raipur Crime 2021), जिसे छत्तीगढ़िया शायद ही कभी भूला पाए.
महिला ने 5 बेटियों के साथ की खुदकुशी
महासमुंद में 9 जून की रात एक महिला ने 5 बेटियों के साथ मिलकर रेलवे ट्रेक पर कूदकर खुदकुशी कर ली. इस घटना ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया था. एक साथ एक ही परिवार के 5 सदस्यों की मौत से पूरे जिले में मातम छा गया था. महासमुंद जिले के बेमचा गांव की रहने वाली उमा साहू, पति केजउ राम से विवाद के बाद अपने बच्चों के साथ घर से निकल गई. उसके बाद शंकर नगर के रेलवे ट्रैक पर कूदकर उसने बच्चों के साथ आत्महत्या कर लिया. सीएम भूपेश बघेल ने इस घटना के बाद जांच के आदेश दिए थे. जिसमें पति से विवाद का मामला सामने आया था.
विधानसभा से लेकर लोकसभा में गूंजा बठेना कांड (Chhattisgarh Bathena case)
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विधानसभा क्षेत्र पाटन के बठेना गांव में एक ही परिवार के पांच सदस्यों की लाश 6 मार्च को मिली थी. पुलिस अपनी कहानी में इसे आत्महत्या बता रही थी, जिसमें पिता ने पहले बेटी, बहू और अपनी पत्नी की हत्या कर लाश को पैरावट में जलाकर अंतिम संस्कार किया. उसके बाद खुद बेटे के साथ फांसी के फंदे पर झूल गया था. गायकवाड़ परिवार के पांच सदस्यों की मौत की गूंज विधानसभा से लेकर लोकसभा में सुनाई दी थी. भाजपाइयों ने इस मामले में जमकर सरकार को घेरने की कोशिश की. इतना ही नहीं पूरा विपक्ष विधानसभा सत्र छोड़कर बठेना गांव पहुंच गया था.
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जशपुर में दशहरा जुलूस हादसा (Dussehra procession accident in Jashpur)
जशपुर में तेज रफ्तार कार ने मौत का ऐसा तांडव मचाया. जिसकी तस्वीरें देखकर सभी का दिल दहल उठा था. जिले के पत्थलगांव में दशहरा के दिन बाजार पारा में स्थापित माता दुर्गा का विसर्जन जुलूस निकाला जा रहा था. तभी एक तेज रफ्तार कार ने जुलूस में शामिल लोगों को कुचल दिया. जिसकी घटना कैमरे में कैद हो गई थी. हादसे में पत्थलगांव के 21 साल के गौरव अग्रवाल की मौत हो गई, करीब 20 लोग घायल हुए थे. हादसे के बाद गुस्साए लोगों ने गाड़ी को पकड़ लिया और जब तलाशी ली तो पूरे गाड़ी में गांजा भरा हुआ मिला.
पंडो जनजाति के युवकों को बांधकर पीटा गया (Pando tribe assaulted)
बलरामपुर में 8 पंडो जनजाति के युवकों को गांव के दबंगों ने पेड़ में बांधकर जमकर पीटा. पंचायत की बैठक बुलाकर मछली चोरी के आरोप में 35 हजार रुपये का जुर्माना भी ठोक दिया. पीड़ित युवकों को थाने ना जाने की भी धमकी दी गई. डरे सहमे पीड़ित युवक घर में बैठे रहे. इसी बीच मारपीट की घटना का वीडियो किसी ने सोशल मीडिया पर डाल दिया. जिसके बाद मामले का खुलासा हुआ. जांच में पता चला कि वीडियो 15 जून का है. मामले में छत्तीसगढ़ में जमकर राजनीति हुई.
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कारोबारी और नेता पति-पत्नी की हत्या (Raigarh husband wife murder)
रायगढ़ में कांग्रेसी नेता और कारोबारी मदन मित्तल और उसकी पत्नी की अज्ञात लोगों ने 22 सितंबर को हत्या कर दी थी. घर से कुछ गहने और कैश भी गायब थे. इस हत्याकांड की गूंज रायगढ़ से लेकर राजधानी रायपुर तक सुनाई दी थी. क्योंकि मदन मित्तल रायगढ़ जिले के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और बड़े व्यापारी थे. घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस के तमाम आला अफसर पहुंच गए थे. गृह मंत्री ने इस मामले में तत्काल जांच के आदेश दिए थे. हालांकि पुलिस ने दोहरे हत्याकांड की वारदात को अंजाम देने वाले आरोपियों को 3 दिन के भीतर ही गिरफ्तार कर लिया. जिसमें सभी आरोपी नाबालिग निकले. आरोपियों ने चोरी की नीयत से घर में घुसने की और इस जघन्य हत्याकांड को अंजाम देने की बात कबूली.
महासमुंद में गांजा तस्करी का खुलासा (Mahasamund ganja smuggling exposed)
महासमुंद पुलिस को इस साल गांजा तस्करी के मामले में बड़ी कामयाबी हाथ लगी. पुलिस ने ट्रक में गोभी की सब्जी के नीचे छिपाकर गांजा तस्करी करने वालों को गिरफ्तार किया. 25 जून को पुलिस ने इस मामले का खुलासा किया. जिसमें 13 क्विंटल गांजा जब्त किया गया. जब्त गांजे की कीमत 2 करोड़ 60 लाख रुपये थे. मामले में यूपी के आतिश सिंह और बिहार के हरिलाल को गिरफ्तार किया गया था. दोनों आरोपी ओडिशा से ट्रक में गांजा भर कर महासमुंद होते हुए उत्तर प्रदेश के रास्ते दिल्ली लेकर जा रहे थे. राज्य सरकार गांजा तस्करी को लेकर लागातार सख्त रवैया अपनाती रही है.
कवर्धा हिंसा मामला (Kawardha violence case)
कवर्धा में एक स्ट्रीट लाइट पोल पर झंडा लगाने को लेकर शुरू हुआ विवाद हिंसा का रूप ले चुका था. घटना 3 अक्टूबर की है. जिले के वार्ड 27 के लोहारा नाका चौक इलाके में कुछ युवकों ने अपना झंडा चौराहे पर लगा दिया. इसी बात को लेकर दो गुटों के युवक सड़क पर लाठी-डंडे लेकर उतर आए. मारपीट और पत्थरबाजी भी हुई. पुलिस की आंखों के सामने एक युवक को भीड़ पीटती रही. मारपीट में 8 लोग घायल हुए. जिसके बाद 5 अक्टूबर को एक बार फिर हिंसा भड़क गई. शहर में उपद्रवियों ने हुड़दंग किया. इस दौरान तोड़फोड़ की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया. तोड़फोड़ में करीब 100 गाड़ियां क्षतिग्रस्त हुई. ऐसे में प्रशासन ने कानून व्यवस्था बिगड़ता देख कवर्धा शहर में कर्फ्यू लगा दिया था. 36 दिन कवर्धा में कर्फ्यू लगा रहा, लेकिन इस बीच जमकर राजनीति भी हुई. सड़क से लेकर सदन तक कवर्धा हिंसा मामला गरमाया रहा. इस घटना के बाद प्रदेश के डीजीपी भी बदल दिए गए.