रायपुर :कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन कर दिया गया था इस लॉकडाउन का असर हर वर्ग पर पड़ा है चाहे वह अमीर हो या गरीब. एक मजदूर से लेकर उद्योगपति को भी इस लॉकडाउन के कारण नुकसान उठाना पड़ा. घरों में काम करने वाली मेड्स जो सोसाइटी और मोहल्ले के घरों में जाकर बर्तन, झाड़ू, पोछा कपड़ा धोने और खाना बनाने का काम को करके अपना जीवन यापन करती है और अपना परिवार चलाती है. उन्हें भी कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा.
ढाई महीने के लॉकडाउन के दौरान कई घरों में मेड्स को कोरोना संक्रमण को देखते हुए काम करने के लिए मना कर दिया गया था जिसके कारण कॉलोनी और घरों में मेड्स का प्रवेश भी प्रतिबंधित कर दिया गया था. इन ढाई महीने में मेड्स को अपना और अपने परिवार चलाने में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा. हालांकि अच्छी बात यह रही कि मकान मालिकों ने संक्रमण के खतरे को देखते हुए उन्हें काम पर आने से मना जरुर किया था लेकिन परिवारों ने मेड्स को रुपये भी दिए ताकि वे अपना घर चला सके.
ETV भारत ने घरों में काम करने वाले कुछ ऐसे ही नौकरानी से बात की, उनका कहना था कि दिन में तीन से चार घरों में साफ सफाई और खाना बनाने का काम करके वे परिवार का पालन पोषण करते हैं और महीने में बमुश्किल 5 से 7 हजार रुपए ही कमा पाते हैं. लेकिन काम छूट गया तबसे साफ सफाई का काम छोड़कर रोजी मजदूरी का काम करने को मजबूर है.
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हाउसवाइफ भी थी परेशान