रायपुर:शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-उपासना की जाती है. ये मां दुर्गा की नौ शक्तियों में से दूसरी शक्ति हैं. जिन्होंने शिव जी को पाने के लिए कठोर तपस्या की थी. कठोर तपस्या के कारण ही इन्हें ब्रह्मचारिणी कहा गया है. ये ज्ञान, तपस्या और वैराग्य की देवी मानी जाती हैं. ब्रह्मचारिणी देवी की आराधना खास तौर पर छात्रों, व्यवसायियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है, इस रूप की पूजा-अर्चना करने से ज्ञान और धन की प्राप्ति होती है. देवी ब्रह्मचारिणी का स्वरुप देवी पार्वती का वह रुप है, जब उन्होंने शिव जी को साधने के लिए कठोर तप किया था.
मां ब्रह्मचारिणी का मंत्र-
दधाना करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलू
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा.
इसके साथ ही भक्त मंत्र- ॐ ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै नम:का जाप कर मां ब्रह्मचारिणी की आराधना कर सकते हैं. ब्रह्मचारिणी देवी की पूजा खासकर शिक्षा जगत से जुड़े लोग बौद्धिक क्षमता, विद्या-बुद्धि की प्राप्ति के लिए पूजा-अर्चना करते हैं, जिससे ज्ञान और धन की प्राप्ति होती है.