रायपुर : छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस संक्रमण के केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इसे फैलने से रोकने का एकमात्र तरीका यह है कि संक्रमित लोगों की पहचान की जा सके और इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों की टेस्टिंग शुरू की जाए. छत्तीसगढ़ सरकार का कहना है कि लगातार टेस्टिंग बढ़ाने के लिए काम किया जा रहा है. इसको लेकर प्रदेश में 3 नए लैब की स्थापना भी की गई है. जेपी टेस्टिंग किट के माध्यम से भी लोगों की जांच की जा रही है, साथ ही मशीन टू नेट से भी लोगों के टेस्ट किए जा रहे हैं. लेकिन हैरान करने वाली बात है कि छत्तीसगढ़ में अब तक 1 फीसदी जनता की भी टेस्टिंग नहीं हो पाई.
छत्तीसगढ़ की आबादी करीब ढाई करोड़ है और अब तक केवल 0.618 फीसदी लोगों की कोरोना जांच हुई है. 29 जून के मेडिकल बुलेटीन की मानें, तो प्रदेश में अब तक 15,4,526 लोगों की जांच की गई है. यह आंकड़ा बेहद कम है, प्रदेश में लगातार संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं ऐसे में टेस्टिंग बढ़ाकर कोरोना संक्रमितों की पहचान करना और दूसरे तक फैलने से रोकना ही सरकार के पास एकमात्र विकल्प है.
प्रदेश में लैब की संख्या
प्रदेश में सरकारी लैब्स की बात की जाए तो पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में कोरोना सैंपल की टेस्टिंग की जा रही है. सरकार ने 3 नए लैब की स्थापना की है, यह लैब अंबिकापुर, राजनांदगांव और बिलासपुर में हैं. राहत की बात है कि राजनांदगांव और बिलासपुर में लैब बन कर पूरी तरह से तैयार हैं. इसके अलावा दो निजी लैब को भी सैंपल की टेस्टिंग की इजाजत दी गई है.