जगदलपुर:बस्तर के लगभग सभी खूबसूरत दृश्य और आदिवासियों के कल्चर को जिला प्रशासन ने जगदलपुर एयरपोर्ट के परिसर में प्रदर्शित किया है. एयरपोर्ट के टर्मिनल सहित परिसर में बस्तर की खूबसूरत कलाकृतियां को स्थानीय कलाकारों ने निर्मित किया है. बेल-मेटल से बना नंदी बैल का प्रदर्शन भी किया गया है, जो हवाई मार्ग से बस्तर पहुंचने वाले पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.
बड़ी संख्या में पहुंचते हैं पर्यटक
छत्तीसगढ़ के बस्तर की कला संस्कृति और आदिवासियों का रहन सहन विश्व विख्यात है. बस्तर के पर्यटन स्थलों को देखने हर साल सैकड़ों की संख्या में देश और विदेश से बड़ी संख्या में सैलानी पहुंचते हैं. खासकर बस्तर में स्थित प्राकृतिक जलप्रपातों की खूबसूरती देखते ही बनती है. छत्तीसगढ़ में पर्यटकों के आर्कषण का केंद्र बस्तर को माना जाता है. यहां के पर्यटन स्थल देशभर में अपनी एक अलग पहचान बना चुके हैं. यही कारण है कि न सिर्फ देश के कोने-कोने से बल्कि विदेशी पर्यटक भी बस्तर में आकर प्रकृति की इन अनमोल धरोहरों को अपने यादों में कैद करना चाहते हैं.
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हजारों की संख्या में पहुंचते हैं सैलानी
जगदलपुर का चित्रकोट वाटरफॉल को भारत का नियाग्रा भी कहा जाता है. इसके अलावा तीरथगढ़ जलप्रपात, चित्रधारा, कांगेर धारा, तामरघुमर और मेंद्रीघुमर जलप्रपात भी अपनी प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है. बस्तर में हजारों साल पुराने कैलाश गुफा, कोटमसर गुफा जैसी अन्य कई गुफाएं भी हैं, जो पर्यटकों के लिए आर्कषण का केंद्र है. धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण लगभग एक हजार साल पुराना नारायण पाल का विष्णु मंदिर तो लोग देखते ही रह जाते हैं. इसके अलावा आदिवासियों के रहन-सहन, नृत्य और विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व को देखने हर साल हजारों की संख्या में सैलानी बस्तर पहुंचते हैं.
बस्तर की खूबसूरत कलाकृतियां कलाकृति ने एयरपोर्ट की बढ़ाई शोभा
बस्तर में ठंड और मानसून के मौसम में हजारों की संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं. बस्तर के जलप्रपात, कांगेर नेशनल पार्क, बारसूर गणेश मंदिर और जगदलपुर शहर में स्थित दंतेश्वरी मंदिर में दर्शन कर शाम होते ही होटलों में ठहर जाते हैं. इसे ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन और शहर के एक समाजसेवी की पहल से अब जगदलपुर शहर में बस्तर की खूबसूरती, ग्रामीण आदिवासियों के रहन-सहन और कलाकृतियों को एयरपोर्ट टर्मिनल, एयरपोर्ट परिसर और एयरपोर्ट चौक में दर्शाया गया है.
बस्तर की खूबसूरत कलाकृतियां दीवारों पर दिख रहा बस्तर कल्चर
बस्तर कलेक्टर रजत बंसल ने आमचो बस्तर कॉन्सेप्ट तैयार किया. एयरपोर्ट में दूसरे राज्यों और विदेशों से पहुंचने वाले पर्यटकों के लिए एयरपोर्ट परिसर को आकर्षण का केंद्र बनाया गया. इसके लिए पूरे परिसर में बस्तर के कलाकृतियों और स्थानीय कलाकारों द्वारा निर्मित बेल मैटल की खूबसूरत कलाकृतियों को दर्शाया गया है. एयरपोर्ट चौक के भी दीवारों पर बस्तर की बेहद खूबसूरत कलाकृतियां बनाई गई है.
बस्तर की खूबसूरत कलाकृतियां समाजसेवी ने की पहल
साल 2007 में कोलकाता से आए मूर्तिकारों ने दीवारों पर आदिवासियों की मूर्ति बनाई थी. जिसके बाद शहर के समाजसेवी अनिल लुक्कड़ ने अपने पैसों से एयरपोर्ट चौक के इस दीवार पर बस्तर के आदिवासियों की कल्चर के साथ ही विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व की खूबसूरत झलकियां प्रस्तुत की. यही नहीं ऐतिहासिक दलपत सागर को भी पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का काम जिला प्रशासन कर रहा है. बस्तर घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए जगदलपुर शहर में नाइट चौपाटी के साथ-साथ संग्रहालय, पुरातत्व कार्यालय और सभी मंदिर मुख्य आकर्षण का केंद्र हैं.
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नाइट चौपाटी से बढ़ेगी रौनक
शहर के स्थानीय लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन अब शहर सौंदर्यकरण में भी रुचि ले रहे हैं. इसका फायदा भी हो रहा है. शहर के सभी चौक-चौराहों और खासकर ऐतिहासिक दलपत सागर और एयरपोर्ट चौक के कायाकल्प को बदला जा रहा है. बस्तर पहुंचने वाले पर्यटकों के लिए यह आकर्षण का केंद्र बन रहा है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि नाइट चौपाटी भी बस्तर में तैयार की जा रही है. निश्चित तौर पर अब दूसरे राज्यों से बस्तर घूमने आने वाले पर्यटक इस चौपाटी का भी लुत्फ उठा सकेंगे.
समाजसेवी अनिल लुक्कड़ ने किया सहयोग
समाजसेवी अनिल लुक्कड़ का कहना है कि वे बस्तर के हैंडीक्राफ्ट व्यवसाय से जुड़े हुए हैं. लंबे समय से बस्तर में दूसरे राज्य और देश विदेशों से पहुंचने वाले पर्यटकों को देखते आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि पिछले कई सालों से देखा जा रहा था कि यहां जो भी पर्यटक पहुंचते हैं वे केवल बस्तर के जल प्रपातो की खूबसूरती निहार कर वापस चले जाते हैं. अगर ठहरते भी है तो शाम होते ही उन्हें जगदलपुर शहर में समय बिताने के लिए कोई भी खास जगह और मनोरंजन के लिए स्थान नहीं मिलता.
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पिछले कुछ महीनों से जिला प्रशासन ने इस ओर अपना ध्यान आकर्षित किया है. उन्होंने भी प्रशासन के इस कार्य में हाथ बढ़ाते हुए टर्मिनल में सेल्फी जोन के लिए बस्तर की कला, संस्कृति को दर्शाती एक फ्रेम को तोहफे में दिया है. साथ ही एयरपोर्ट चौक के दीवार को भी अपने पैसों से सुसज्जित किया है. इस दीवार पर मूर्तिकला के माध्यम से बस्तर के आदिवासियों के रहन-सहन और विश्व प्रसिद्ध दशहरा पर्व की खूबसूरत झलकियां देखने को मिलती है.
जगदलपुर शहर का बदलेगा रूप
अनिल लुक्कड़ ने कहा कि अब जगदलपुर शहर में भी जिला प्रशासन पर्यटन स्थल के दृष्टिकोण से ऐतिहासिक दलपत सागर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का प्रयास कर रहा है. एयरपोर्ट चौक, एयरपोर्ट परिसर शहर के अन्य खास जगहों को भी टूरिस्ट स्पॉट बनाया जा रहा है. जिससे निश्चित तौर पर बस्तर के जलप्रपातों के साथ ही जगदलपुर शहर को भी पर्यटन स्थल के रूप में एक पहचान मिलेगी. आने वाले सालों में बड़ी संख्या में पर्यटक जगदलपुर शहर में बनाए गए इन खूबसूरत कलाकृतियों और स्थलों को देखकर आकर्षित होंगे.
नगर निगम आयुक्त प्रेम कुमार पटेल ने कहा कि जिला प्रशासन और निगम प्रशासन लगातार शहर सौंदर्यिकरण में जुटी हुई है. 12 से अधिक काम शहर में किए जा रहे हैं. फिलहाल इनमें से 6 काम पूर्ण हो चुके है. जिसमें एयरपोर्ट चौक, एयरपोर्ट परिसर और जिला ग्रंथालय के साथ ही पुरातत्व कार्यालय, चौपाटी का काम पूरा हो चुका है. आने वाले समय में ऐतिहासिक दलपत सागर सौंदर्यकरण, नाइट चौपाटी और शहर के दो अंतरराज्य मैदान भी मुख्य आकर्षण का केंद्र होगा.