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SPECIAL: छत्तीसगढ़ के इन जिलों में भी लॉकडाउन का फैसला, युद्ध स्तर पर काम करने की जरूरत

छत्तीसगढ़ के कई जिलों में मंगलवार रात से लॉकडाउन लगा दिया गया है. लॉकडाउन के 7 दिनों के लिए स्वास्थ्य विभाग ने अपने स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं, इसे लेकर अधिकारियों को भी समझाइश दी गई है कि किस तरीके से काम करना है, क्योंकि विभाग मान रहा है कि 22 से 28 जुलाई तक अगर स्थिति संभल गई तो मानिए हालाक फिर से एक बार नियंत्रित हो सकते हैं.

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छत्तीसगढ़ में लॉकडाउन

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Published : Jul 22, 2020, 2:37 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस का संक्रमण दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. इसके साथ ही इस बीमारी से मरने वालों की संख्या में भी इजाफा हुआ है. प्रदेश में कोरोना वायरस अब तक 29 लोगों को लील चुका है. कोरोना संक्रमण की तेजी से बढ़ती रफ्तार को देखते हुए सूबे के मुखिया ने आपात बैठक बुलाई थी, जिसमें 22 जुलाई से प्रदेश के कई जिलों में लॉकडाउन लगाने का फैसला लिया गया है.

छत्तीसगढ़ में लॉकडाउन

छत्तीसगढ़ के कई जिलों में 22 जुलाई से लॉकडाउन लगा दिया गया है. लॉकडाउन के 7 दिनों के लिए स्वास्थ्य विभाग ने अपने स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं. इसे लेकर अधिकारियों को भी निर्देश दिए गए हैं कि किस तरीके से काम करना है, क्योंकि विभाग मान रहा है कि 22 से 28 जुलाई तक अगर स्थिति संभल गई तो मानिए हालात एक बार फिर पटरी पर आ सकते हैं.

इन जिलों में लॉकडाउन

  • रायपुर में 22 जुलाई से 28 जुलाई तक लॉकडाउन रहेगा.
  • कोरबा में 22 जुलाई से 28 जुलाई तक लॉकडाउन.
  • बेमेतरा जिले में 22 जुलाई से 4 अगस्त तक लॉकडाउन है.
  • मुंगेली में भी 22 जुलाई से 28 जुलाई तक लॉकडाउन.
  • दंतेवाड़ा में आज रात 12 बजे से लॉकडाउन.
  • अंबिकापुर में 22 जुलाई से लॉकडाउन.
  • बलौदाबाजार में 22 जुलाई से 28 जुलाई रात तक लॉकडाउन.
  • दुर्ग जिले में 23 जुलाई से 29 जुलाई तक लॉकडाउन.
  • जगदलपुर में 23 जुलाई से लॉकडाउन का फैसला.
  • राजनांदगांव में 23 जुलाई रात से 29 जुलाई तक लॉकडाउन का फैसला.
  • बिलासपुर में 23 जुलाई से लॉकडाउन का फैसला.
  • जांजगीर-चांपा में 24 जुलाई से लॉकडाउन.
  • रायगढ़ और जशपुर में 22 जुलाई से आंशिक लॉकडाउन

लॉकडाउन के दौरान स्वास्थ्य विभाग की तैयारियों और इसके प्रभाव को लेकर मेकाहारा के कोविड-19 अस्पताल के नोडल अधिकारी डॉ. आर पांडा का कहना है कि इस दौरान सबसे अधिक महत्वपूर्ण यदि कुछ है तो वह यह है कि हम गाइडलाइंस का पालन करें, एक-दूसरे से दूरी बनाकर रखें. मास्क लगाना बेहद जरूरी है. इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी है कि वह अपनी कैपेसिटी बढ़ाएं.

कोरोना टेस्ट क्षमता में बढ़ोतरी

डॉ ओपी सुंदरानी बताते हैं कि लॉकडाउन बिल्कुल ही इस बीमारी से बचने का कोई विकल्प नहीं है. हमें लगातार सतर्क रहने की जरूरत है. इसके साथ ही सरकार को लगातार कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और सैम्पलिंग बढ़ाने की जरूरत है. हालांकि लगातार सरकार इस ओर कदम बढ़ा रही है. आज हम दिन भर में रोज 5000 टेस्ट कर रहे हैं. हमें जरूरत है कि क्षमता को और बढ़ाएं और कम से कम 10 हजार लोगों का टेस्ट करें. ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचें, उनकी टेस्टिंग करें.

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युद्ध स्तर पर काम करने की जरूरत

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सदस्य डॉ राकेश गुप्ता ने बताया कि अब हालात बेकाबू हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे ही हमें पैरामेडिकल स्टाफ को बढ़ाने की जरूरत है. हमारे मेडिकल स्टाफ को बढ़ाने की जरूरत है और युद्ध स्तर पर काम करने की जरूरत है. इसके अलावा जो सीनियर डॉक्टर अब तक फील्ड पर नहीं आए हैं, उन्हें भी बाहर निकलकर फील्ड पर काम करने की जरूरत है, इस वक्त उनकी ही फील्ड पर सबसे ज्यादा जरूरत है.

बड़ी संख्या में मरीजों आ रहे सामने

राजधानी रायपुर कोरोना का सबसे बड़ा हॉटस्पॉट बना हुआ है. यहां रोजाना बड़ी संख्या में मरीज सामने आ रहे हैं, ऐसे में यहां मंगलवार रात से लॉकडाउन लगा दिया गया है. प्रभावी लॉकडाउन ही वायरस पर नियंत्रण लगा सकता है, लेकिन ढिलाई बरती गई तो यह सिर्फ औपचारिकता मात्र रह जाएगी. हालांकि जिला प्रशासन ने नियमों का पालन करें नहीं करने वालों पर कार्रवाई करने की बात कही है. अब देखना यह है कि सरकार का दोबारा लॉकडाउन करने का यह फैसला सुरसा के मुंह की तरह फैल रहे कोरोना संक्रमण को रोकने में कितना कारकर साबित होगा.




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