रायपुर: राज्य साक्षरता मिशन के तहत प्रदेश के सभी जिलों में पढ़ना-लिखना अभियान की शुरुआत की जाएगी. अभियान के क्रियान्वयन के लिए जिला साक्षरता मिशन का गठन किया जाएगा. यह अभियान बुनियादी साक्षरता पर केंद्रित होगा. पढ़ना-लिखना अभियान स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थियों, एनसीसी, एनएसएस, नेहरू युवा केंद्र और स्वयं सेवी संस्थाओं की सहभागिता से संचालित किया जाएगा.
पढ़ना-लिखना अभियान शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्र में संचालित किया जाएगा. महिलाओं अनुसूचित जाति, जनजाति और अल्पसंख्यक वर्ग को इसमें प्राथमिकता प्रदान की जाएगी. साथ ही सामग्री ई-बुक्स, वीडियो व्याख्यान, मोबाइल एप जैसे आईटी टूल का भी उपयोग किया जाएगा.
एक तिहाई असाक्षरों को साक्षर किए जाने का लक्ष्य
एनआईओएस साल में चार बार इसका मूल्यांकन करेगी. प्रत्येक जिले में राज्य साक्षरता मिशन की तर्ज पर जिला साक्षरता मिशन का गठन किया जाएगा. इस अभियान के तहत पांच साल में प्रदेश के एक तिहाई असाक्षरों को साक्षर किए जाने का लक्ष्य रखा गया है. अभियान में आकांक्षी जिलों और राष्ट्रीय और राज्य की साक्षरता दर से कम औसत वाले जिलों को प्राथमिकता दी जाएगी.
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2020 में ढाई लाख लोगों को साक्षर बनाए जाने के लक्ष्य पर चर्चा
पढ़ना-लिखना अभियान की वार्षिक कार्य योजना के निर्माण के लिए मंगलावर को नया रायपुर स्थित मंत्रालय से राज्य स्तरीय वीडियो कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. एससीईआरटी और राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के संचालक डी. राहुल वेंकट ने प्रदेश के सभी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों, डाइट के प्राचार्य और जिला परियोजना अधिकारी साक्षरता मिशन की बैठक में इस साल ढाई लाख लोगों को साक्षर बनाए जाने के लक्ष्य पर चर्चा की.