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'पढ़ना-लिखना अभियान' के क्रियान्वयन के लिए जिला साक्षरता मिशन का होगा गठन - पढ़ना लिखना अभियान का क्रियान्वयन

छत्तीसगढ़ के सभी जिले में राज्य साक्षरता मिशन की तर्ज पर जिला साक्षरता मिशन का गठन किया जाएगा. इसके तहत पढ़ना-लिखना अभियान की शुरुआत की जाएगी. महिलाओं अनुसूचित जाति, जनजाति और अल्पसंख्यक वर्ग को इसमें प्राथमिकता प्रदान की जाएगी. सभी जिले में राज्य साक्षरता मिशन की तर्ज पर जिला साक्षरता मिशन का गठन किया जाएगा.

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Published : Oct 20, 2020, 6:18 PM IST

रायपुर: राज्य साक्षरता मिशन के तहत प्रदेश के सभी जिलों में पढ़ना-लिखना अभियान की शुरुआत की जाएगी. अभियान के क्रियान्वयन के लिए जिला साक्षरता मिशन का गठन किया जाएगा. यह अभियान बुनियादी साक्षरता पर केंद्रित होगा. पढ़ना-लिखना अभियान स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थियों, एनसीसी, एनएसएस, नेहरू युवा केंद्र और स्वयं सेवी संस्थाओं की सहभागिता से संचालित किया जाएगा.

पढ़ना-लिखना अभियान शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्र में संचालित किया जाएगा. महिलाओं अनुसूचित जाति, जनजाति और अल्पसंख्यक वर्ग को इसमें प्राथमिकता प्रदान की जाएगी. साथ ही सामग्री ई-बुक्स, वीडियो व्याख्यान, मोबाइल एप जैसे आईटी टूल का भी उपयोग किया जाएगा.

एक तिहाई असाक्षरों को साक्षर किए जाने का लक्ष्य

एनआईओएस साल में चार बार इसका मूल्यांकन करेगी. प्रत्येक जिले में राज्य साक्षरता मिशन की तर्ज पर जिला साक्षरता मिशन का गठन किया जाएगा. इस अभियान के तहत पांच साल में प्रदेश के एक तिहाई असाक्षरों को साक्षर किए जाने का लक्ष्य रखा गया है. अभियान में आकांक्षी जिलों और राष्ट्रीय और राज्य की साक्षरता दर से कम औसत वाले जिलों को प्राथमिकता दी जाएगी.

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2020 में ढाई लाख लोगों को साक्षर बनाए जाने के लक्ष्य पर चर्चा

पढ़ना-लिखना अभियान की वार्षिक कार्य योजना के निर्माण के लिए मंगलावर को नया रायपुर स्थित मंत्रालय से राज्य स्तरीय वीडियो कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. एससीईआरटी और राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के संचालक डी. राहुल वेंकट ने प्रदेश के सभी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों, डाइट के प्राचार्य और जिला परियोजना अधिकारी साक्षरता मिशन की बैठक में इस साल ढाई लाख लोगों को साक्षर बनाए जाने के लक्ष्य पर चर्चा की.

स्वयंसेवी आधारित अभियान

राज्य साक्षरता मिशन के सहायक संचालक प्रशांत कुमार पांडे ने पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन के जरिए बताया कि जिले के प्रभारी मंत्री या जिला पंचायत के अध्यक्ष की अध्यक्षता में सामान्य सभा और कलेक्टर की अध्यक्षता में कार्यकारिणी समिति गठित की जाएगी. सदस्य सचिव की जिम्मेदारी जिला शिक्षा अधिकारी की होगी. इस अभियान की विशेषता यह है कि यह पूरी तरह से स्वयंसेवी आधारित होगा. पढ़ाने वाले सभी शिक्षकों को किसी भी तरह की मेहनताना प्रदान नहीं किया जाएगा.

एनआईसी द्वारा किया जाएगा पोर्टल का निर्माण

इस अभियान के जरिए नवाचारी गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जाएगा. प्रत्येक जिले के डाइट में अकादमी और तकनीकी संसाधन समर्थन के लिए एक अलग प्रकोष्ठ डीसीएल गठित किया जाएगा, जिसे जिला साक्षरता केंद्र कहा जाएगा. जिले अपनी कार्ययोजना राज्य को और राज्य अपनी कार्ययोजना केंद्रीय प्रोजेक्ट को स्वीकृति के लिए प्रस्तुत करेगी. इसके साथ ही एनआईसी द्वारा पोर्टल का निर्माण किया गया है, जिसमें ऑनलाइन कार्य योजना अपलोड की जाएगी.

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कोविड-19 को देखते हुए निर्धारित किया जाएगा लक्ष्य

राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के संचालक डी. राहुल वेंकट ने छत्तीसगढ़ के सभी जिला अधिकारियों से जिलावार तैयारी की समीक्षा की और उन्हें निर्देश दिए कि दो दिनों के अंदर जिला साक्षरता मिशन और डाइट में जिला साक्षरता केंद्र की स्थापना कर ली जाए. कोविड-19 को देखते हुए इस साल लक्ष्य संख्या निर्धारित की जाए.

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