रायपुर:रायपुर सहित पूरे छत्तीसगढ़ में मानसून ने आज से डेढ़ महीने पहले दस्तक दे दी थी. लेकिन रायपुर में मानसूनी बारिश ने छाता और रेनकोट के दुकानदारों को मायूस कर दिया है. बीते डेढ़ माह के दौरान रायपुर में जिस तरह से मानसूनी बारिश होनी थी, वैसे बारिश देखने को नहीं मिली. जिसके कारण रेनकोट और छाते के बाजार में सन्नाटा छाया हुआ (Umbrella and raincoat shopkeepers disappointed in Raipur) है.
दुकानदारों की मानें तो इन डेढ़ महीनों के दौरान 50 फीसदी व्यापार ही हो पाया है. जबकि अब तक कम से कम 90 फीसदी व्यापार हो जाना था. ऐसे में रेनकोट और छाते के दुकानदार रेनकोट और छाते के बजाय दूसरे त्यौहार की तैयारी में जुट गए हैं. आने वाला सीजन राखी का त्यौहार है. अब राखी की दुकानें भी सजने लगी है.
ग्राहकी को लेकर दुकानदारों में मायूसी:छत्तीसगढ़ में बारिश को शुरू हुए लगभग डेढ़ महीने बीत चुके हैं लेकिन रेनकोट और छाता बेचने वाले दुकानदारों का कहना है कि "बारिश की शुरुआत तो अच्छी हुई लेकिन उसके बाद मानसूनी बारिश ने बरसना बंद कर दिया. जिसके कारण इन दुकानदारों का व्यापार भी काफी हद तक प्रभावित हुआ है. बीते डेढ़ महीनों के दौरान रेनकोट और छतरी के दुकानदारों ने महज 50 फीसद का ही व्यापार किया है. बचे हुए रेनकोट और छतरी अब इस साल के बजाय अगले साल काम आएंगे. ऐसा सोच कर कुछ दुकानदार रेनकोट और छतरी की बिक्री भी बंद कर दिए हैं."
रायपुर में नहीं हुई बारिश:इस विषय में दुकानदार विनोद साहू का कहना है कि "इस साल अच्छी बारिश नहीं होने के कारण दुकानदारों की हालत खराब हो चुकी है. बारिश होती है तभी ग्राहक दुकान में पहुंचते हैं. बारिश के बंद होते ही फिर से दुकानों में सन्नाटा देखने को मिलता है. दुकानदार बताते हैं कि हिंदुस्तान के कई राज्यों में बारिश हुई है लेकिन राजधानी में बारिश बिल्कुल भी देखने को नहीं मिली. मानसून के सीजन को देखते हुए दुकानदारों ने दुकान और गोडाउन भी किराए पर ले रखा है. जिसका किराया देना भी मुश्किल लग रहा है."