रायपुर: इन दिनों लॉन्ड्री और ड्राई क्लीनिंग करने वालों के सामने आगे कुआं-पीछे खाई जैसी स्थिति है. अगर ये कपड़े धोते हैं तो संक्रमण का खतरा है, नहीं धोते हैं तो रोजी-रोटी का संकट.इस कोरोना काल में लंबे समय तक लॉकडाउन के बाद अब धीरे धीरे अनलॉक की प्रक्रिया जारी है, लेकिन लॉन्ड्री और ड्राई क्लीनिंग की दुकानों में अब भी ताला जड़ा है.ग्राहक संक्रमण की डर से दुकानों में नहीं आ रहे हैं.वहीं दुकानदार भी संक्रमण की डर से कपड़े धोने से डर रहे हैं.इस लॉकडाउन ने अकेले रायपुर में 400 से 500 परिवार को सीधे तौर पर प्रभावित किया है.जिनके सामने रोजी रोटी का संकट आ गया है.
लॉन्ड्री और ड्राई क्लीनिंग का काम अलग-अलग सेक्टर से जुड़ा हुआ है. लॉकडाउन में सभी सेक्टर के काम प्रभावित होने के कारण लॉन्ड्री व्यवसाय से जुड़े लोग भी इसकी मार झेल रहे हैं. होंटल बंद रहे, शादियां नहीं हुई, टेंट और डेकोरेशन का काम ठप रहा, जिसका सीधा खामियाजा लॉन्ड्री बिजनेस वालों को उठाना पड़ा है.
इसके अलावा रोजाना पहनने वाले कपड़ों की धुलाई भी काफी कम हो गई. इसके दो कारण हैं, पहले सब बंद होने से लोग शादी समारोह, पार्टी या किसी और समारोह या ऑफिस में नहीं जा रहे हैं, लिहाजा वे अपने सूट या ऐसे कपड़े जो ड्राईक्लीन कराते थे नहीं करा रहे हैं. दूसरा संक्रमण का भी उन्हें डर सता रहा है. क्योंकि कई लोगों के कपड़े एक साथ धुलने से संक्रमण का खतरा बना रहता है.
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