रायपुर : लाॅकडाउन के बाद भी सिलतरा क्षेत्र के कई उघोगों में चोरी-छिपे दूसरे राज्य के मजदूरों को काम करवाने लाने का सिलसिला जारी है. मजदूरों को क्वॉरेंटाइन भी नहीं किया जा रहा है. बता दें कि सिलतरा एक बड़ा औघोगिक क्षेत्र है. ऐसे में लाॅकडाउन से पहले इन उद्योगों में दूसरे राज्यों के मजदूर यहां काम करने आते थे. लाॅकडाउन की अवधि में ऐसे लगभग हजारों मजदूर अपने राज्य वापस चले गए थे, लेकिन अनलॉक 2.0 में फिर से उद्योग शुरू हो गए हैं और प्रवासी मजदूरों को लौटना भी शुरू हो गया है.
लेकिन सरकार के नियमों को ताक पर रात के अंधेरे में यहां कई छोटी-बड़ी गाड़ियों में मजदूरों को जानवरों की तरह ठूंसकर सीधे प्लांट के अंदर लाकर छोड़ा जा रहा है. ऐसा नहीं कि लोगों की इसकी जानकारी नहीं है. सूचना होने के बाद भी लोगों को कोरोना के खतरे के बीच काम करना पड़ रहा है. मजदूरों का कहना है कि इसका विरोध करने या बाहर से आए मजदूरों के साथ काम नहीं करने की बात पर ठेकेदार सहित मैनेजर भी काम से निकालने की धमकी दे रहे हैं.
दूसरे मजदूरों को भी संक्रमण का खतरा